श्रद्धाभिव्यक्ति परक कर्म हैं, जो देवात्माओं, महापुरुषों, ऋषियों, गुरुजनों और पितर पुरुषों की प्रसन्नता के लिए किए जाते हैं. श्राद्ध करने के लिए मनुस्मृति और ब्रह्मवैवर्त पुराण आदि में बताया गया कि पितरों के परिवार में या तो बेटा या अगर बेटा नहीं है तो नाती, भतीजा या भांजा तिलांजलि और पिंडदान देने का पात्र होता है. इस साल श्राद्ध 6 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. इस दौरान पितरों को याद कर ब्राह्मणों को उनके नाम पर भोजन कराया जाता है. कई बार श्राद्ध के शुरू होने और उनकी दैनिक तिथियों की समझ नहीं लगती. आपकी मदद के लिए हम आपको बताते हैं कि किस दिन क्या होगा-

पितृ पक्ष 7 सितम्बर से 20 सितम्बर तक रहेंगे.

– गुरुवार, 7 सितम्बर को प्रतिपदा श्राद्ध होगा.
– शुक्रवार, 8 सितम्बर को द्वितीया श्राद्ध होगा.
– शनिवार, 9 सितम्बर को तृतीया श्राद्ध होगा.
– रविवार, 10 सितम्बर को चतुर्थी एंव पंचमी का श्राद्ध होगा.
– सोमवार, 11 सितम्बर को षष्ठी श्राद्ध होगा.
– मंगलवार, 12 सितम्बर को सप्तमी श्राद्ध होगा.
– बुधवार, 13 सितम्बर को अष्टका श्राद्ध होगा.
– गुरूवार, 14 सितम्बर को नवमी श्राद्ध और मातृ नवमी श्राद्ध होगा. इस बात का भी ध्यान रखें कि सौभाग्यवती – महिलाओं का श्राद्ध भी आज ही के दिन किया जाता है.
– शुक्रवार, 15 सितम्बर को दशमी श्राद्ध होगा.
– शनिवार, 16 सितम्बर को एकादशी श्राद्ध और साथ ही इन्दिरा एकादशी व्रत भी होगा.
– रविवार, 17 सितम्बर को द्वादशी श्राद्ध होगा. इस दिन सन्यासियों, यति वैष्णवों का श्राद्ध मनाया जाता है.
– सोमवार, 18 सितम्बर को त्रयोदशी और मघा श्राद्ध होगा.
– मंगलवार, 19 सितम्बर को चतुर्दशी का श्राद्ध और मास शिवरात्रि व्रत होगा.
– बुधवार, 20 सितम्बर को पितृ विसर्जन, स्नानदानश्राद्धिद की अमावस्या होगा. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि पता नहीं होती.

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