पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल।
सहरसा – सोनबरसा राज प्रखण्ड अंतर्गत काशनगर ओपी क्षेत्र के शिवपुर में बीते शनिवार को कुख्यात अपराधी बुलेट साह की हत्या के मामले में काशनगर ओपी पुलिस ने चौकीदार के बयान पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इस्त्री तो कर लिया है। लेकिन सवाल तो ये है कि जब परिजनों ने शव की पहचान कर ली तो परिजनों द्वारा मामला दर्ज क्यों नही?
जबकि इस संबंध में काशनगर ओपी प्रभारी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि शव बरामद मामले में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।अगर परिजनों के द्वारा आवेदन दिया गया तो मामला दर्ज किया जाएगा। जबकि मामले का उद्भेदन करने में काशनगर ओपी पुलिस नाकामयाब साबित हो रहा है।जिससे इस मामले में पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।शव मिलने की घटना के बाद शव की पहचान कुख्यात अपराधी महुआ बाजार निवासी बुलेट साह के रूप हो गई थी।जबकि विभागीय नियमानुसार शव की पहचान हो जाने पर मृतक के परिजनों के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी। लेकिन पुलिस ने अपनी खानापूर्ति के लिए अनावश्यक तेजी दिखाते हुए अज्ञात पर मामला दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देने का प्रयास किया।वहीं घटना के चार दिन बीत जाने के बाबजूद काशनगर ओपी पुलिस मामले का उद्भेदन करने में विफल नजर आ रही है।जिससे मृतक के परिवार वाले डरे सहमें हुए है।जबकि दूसरी तरफ घटनास्थल पर से बरामद मृतक के मोबाईल डिटेल्स को भी अबतक काशनगर पुलिस खगाल नही पाई है।और न हीं काल डिटेल के आधार पर मामले का खुलासा कर पा रही है। जबकि मृतक के बरामद मोबाइल में कई स्थानीय व्यवसायीओ का नाम भी शामिल है। ऐसे में ये भी आशंका जताई जा रही हैं कि बुलेट के गतिविधियों तथा उसका इस्तेमाल करने वालो को ये शक हो गया था कि मुखिया पुत्र की हत्या मे बुलेट की गिरफ्तारी या सरेंडर करने की स्थिति में कई सफेदपोशों का नाम सामने आ जाएगा इसलिए एक साजिश के तहत बुलेट की हत्या करवा कर उसे गैंगवार का रुप दे दिया गया। यही नहीं मृतक के मोबाइल में शामिल कई व्यवसायीओ से पुलिस द्वारा दोहन किए जाने की बात भी सामने आई हैं। अपराधी की हत्या के मामले में काशनगर पुलिस की कार्यशैली पर मामला उलझता हुआ दिख रहा है।वहीं लोगों में तरह तरह की चर्चा हो रही है।जबकि मोबाइल के माध्यम से मामले का शतप्रतिशत उद्भेदन कर सही आरोपी तक पहुंचा जा सकता है।
रिपोर्ट – राज आर्यन गुड्डू@,महुआ बाजार सहरसा । updated by gaurav gupta