गया(संवावदाता धीरज गुप्ता) – जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में आरटीई शिक्षा के अधिकार अधिनियम की बैठक की गई और उन्होंने कहा कि 28 जनवरी 2019 से 28 फरवरी 2019 तक आवेदन हेतु निजी विद्यालयों का ऑनलाइन प्रक्रिया आरंभ किया जाएगा।बिहार सरकार द्वारा निजी विद्यालयों को 6000 से 6500 रुपए आरटीई के तहत संबंधित विद्यार्थियों के लिए दी जाती है उससे विद्यार्थियों को किताबें एवं यूनिफॉर्म दिया जाना अनिवार्य है उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में मिसलेनियस चार्ज,लाइब्रेरी चार्ज,कंप्यूटर लैब चार्ज इत्यादि जो अतिरिक्त पैसा विद्यार्थी के अभिभावकों से वसूले जाते हैं उन पर ध्यान देने की जरूरत है कई लिखित आवेदन विद्यालयों के विरुद्ध अभिभावकों से प्राप्त हुए हैं संबंधित स्कूलों के प्रबंधक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्देशित किया कि फायर,डिजास्टर प्लान एवं गुड टच,बैड टच की प्रशिक्षण सभी स्कूलों में कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नामांकन के लिए मार्च के प्रथम सप्ताह से लॉटरी सिस्टम प्रारंभ करने का निदेश दिया और कहा कि 15 मार्च 2019 लॉटरी सिस्टम की अंतिम तिथि होगी। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह ध्यान रखने को कहा कि स्कूल से विद्यार्थी का घर 10 किलोमीटर के अंदर रेडियस में रहना चाहिए।उन्होंने सभी स्कूल के मैनेजर को निर्देश दिया कि अपनी अपनी तरफ फैक्टर्स में स्कूल फी चार्ट, यूनिफॉर्म,किताबें एवं 25% आरटीई कोटा से एडमिशन संबंधित जानकारी अपने प्रोस्पेक्टस में डालें एवं अपने स्कूल के वेबसाइट पर उस प्रोस्पेक्टस को अपलोड भी करें और जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अगर कोई भी सरकारी पदाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी अगर किसी प्राइवेट स्कूल के प्रोग्राम में जाते हैं तो आरटीई के तहत जो बच्चे उस विद्यालय में पढ़ रहे हैं उनसे मुलाकात अवश्य करें,उनकी समस्याओं से अवगत होवें।जिला आपदा पदाधिकारी ने बताया कि सभी विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार को आपदा से संबंधित प्रतियोगिता कराई जाती है जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी स्कूलों में जो प्रतियोगिता कराई जाती है उसकी फोटोग्राफ एवं वीडियो की जांच करवाते रहें, जो विद्यालय आपदा में अच्छे प्रदर्शन करेंगे उनको बिहार दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि सभी विद्यालयों के लिए परिवहन महत्वपूर्ण है लगभग सभी बच्चे वाहनों से स्कूल आवागमन करते हैं, कुछ स्कूली बसों में ओवरलोडेड रहने के कारण काफी कठिनाइयां होती है बिना परमिट के बस न चलाने का सुझाव दिया गया एवं उन्होंने सभी स्कूल प्रबंधक को निर्देश दिया कि वाहन का कागज,रूट चार्ट, परमिट एवं संबंधित सभी तरह के कागजात वाहनों में कंपलीट रखें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गति नियंत्रण मशीन एवं जीपीएस वाले गाड़ी ही स्कूली बच्चों के लिए यूज करें अन्यथा पकड़े जाने पर बस मालिक एवं स्कूल प्रबंधक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि 4 फरवरी से 10 फरवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा एवं विभिन्न प्रतियोगिताएं करायी जाएंगी। उन्होंने सभी विद्यालयों के प्रबंधक को निर्देश दिया कि अपने अपने स्कूल में सड़क सुरक्षा पर प्रतियोगिता करवाएं एवं जो बेहतर प्रदर्शन करेंगे उनको बिहार दिवस पर सम्मानित किया जाएगा,जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 28 फरवरी के बाद प्रखंड स्तर पर टीम गठित कर सभी स्कूलों का जांच करायी जाएगी, नियम का अनुपालन न करनेवाले स्कूलों के विरुद्ध करवाई की जाएगी।इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी,नीति आयोग की सदस्य एवं गया ज़िला के सभी प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक उपस्थित थे।updated by gaurav gupta