नई दिल्ली। आज भौतिकवादी दुनिया में लोग अपनो के बावजूद अकेला है इस बात का ज्वलंत उदाहरण है यह घटना। दो बुजुर्ग भाई अविवाहित जीवन यापन करते रहे, एक ने साथ छोड़ दिया पर दूसरे भाई के लिए वह जीवित था। बताया जाता है कि दो बुजुर्ग भाईयों में से एक की मौत हो गई पर बडा भाई उसे बीमार समझ कर उसके जल्दी ठीक होने की आशा में 9 दिनो तक भाई की लाश के साथ सोता रहा। छोटे भाई के जानकार जब उसे ढूंढते हुए उसके घर पहुंचे तब इस घटना का पता चला। इसके बाद पुलिस शव को कब्जे में ले लिया।
घटना करावल नगर इलाके की है। मृतक की पहचान 68वर्षिय राजेन्द्र भटनागर के रूप में हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार राजेन्द्र का भाई प्रहलाद भटनागर 70वर्षिय मानसिक रूप से बीमार है। वह नौ दिनों तक घर से बाहर नहीं निकले। सूत्रों के मुताबिक मृतक राजेन्द्र अपने बड़े भाई के साथ ए238, गलीनंबर 2,रामा गार्डन, करावल नगर, दिल्ली में रहते थे। दोनों अविवाहित थे। रिटायर होने के बाद राजेन्द्र घर के पास लिटिल स्टार पब्लिक स्कूल में संस्कृत पढाते थे। इसी वेतन से उसका गुजारा होता था। 23 जून को राजेन्द्र की तबीयत खराब हो गई तो दवाई खाकर वह सो गया और फिर वह कभी नहीं उठा। बडा बीमार समझ उसके साथ 9 दिनो तक सोता रहा। एकांत उपेक्षित जीवन जी रहे दोनों पता नहीं कब तक ऐसे ही जीते। जब स्कूल के दो टीचर्स उसके घर आए तब तेज बदबू से आहत हो पुलिस को बताया। पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया बड़े भाई की बूढी आंखें भाई को तलाश रही है।
ः अनुभवीआंखें न्यूज ब्यूरो

loading...