भारतीय मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने वियतनाम के हो चि मिन्ह में चल रही एशियाई मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया है | जी हाँ बुधवार को हुए फ़ाइनल मुक़ाबले में उन्होंने उत्तर कोरिया की किम ह्यांग मी को 5-0 से हरा दिया | मैरी कॉम इस प्रतियोगिता में अब तक 6 पदक हासिल कर चुकी है | इनमें से पांच स्वर्ण पदक और एक रजत पदक भी हासिल की है | आज की जीत से पहले उन्होंने 2003, 2005, 2010 और 2012 में स्वर्ण पदक जीता था |
ख़बर के मुताबिक़ यह बताया जा रहा है की दोनों मुक्केबाज़ पहले राउंड से ही एक दूसरे पर आक्रामक रहीं , और मैरी कॉम ने एक के बाद एक वार किए ,लेकिन किम पीछे नहीं हटीं | राउंड ख़त्म होने तक उन्होंने भी मैरी कॉम पर कुछ पंच मारे थे | फिर दूसरे और तीसरे राउंड थोड़ा फीकी रहीं | इनमें मैरी कॉम ने रक्षात्मक खेल खेला | उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को रोका और मौक़ा मिलने पर कुछ पंच भी लगाए | और वह इस रणनीति में कामयाब रही और आखिर में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल कर ही लिया | मैरी कॉम ने आख़िरी बार 2014 में कोई पदक जीता था | उस समय दक्षिण कोरिया में हुए एशियन खेलों में उन्होंने 51 किलोग्राम वर्ग की महिला फ़्लाईवेट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था | वे 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफ़ाई नहीं कर पाई थीं | लेकिन आज की जीत यह साबित करती है कि उनमें अभी भी संभावनाएं बाक़ी हैं | रियो ओलंपिक में नहीं जा पाने के बाद कई लोगों को लगा कि अब मुक्केबाज़ मैरी कॉम का करियर ख़त्म हो गया | लेकिन एशियाई महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप के फ़ाइनल में जीतकर उन्होंने दिखा दिया कि वे अभी भी भारत में महिला मुक्केबाज़ी का चेहरा हैं |अनुभवी आँखे न्यूज़ ब्योरों रिपोर्ट

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