मऊरानीपुर(झाँसी)- नगर में बाल एवं मासूम जिनका समय खाने- पीने और पढने लिखने का है। वे बच्चे आजकल मजदूरी का कार्य कर रहे है। कारण कि इस प्रकार के बाल मजदूरों को अत्यधिक प्राईवेट रोजगार दिया जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह देखा जाता है कि बाल मजदूर कम रेटों पर मिल जाते है। वही बालिग बडे मजदूरों को महँगे रुपये देने पढते है। इस प्रकार से इन बाल मजदूरों का एक विभाग भी है जो बाल श्रम विभाग बनाया गया है लेकिन इस विभाग की और न ही उच्चाधिकारियों का इस प्रकार की समस्या पर ध्यान दिया जा रहा है। जबकि बाल मजदूरी पर कठिन कानूनी कार्यवाही का नियम भी है लेकिन इस प्रकार की समस्या पर कोई भी विचार विमर्श अधिकारियों के द्वारा नही किया जा रहा है। वही किराना स्टोर , जनरल स्टोर, मिष्टानों, कपडों , जूता चप्पल की दुकानों आदि प्रतिष्ठानों पर बाल मजदूर ही मजदूरी कर रहे है ,और बाल श्रम विभाग आँखें मूदें पडा हुआ है। जो इन मजदूरों की एक नींव का कार्य करता है लेकिन इस प्रकार की समस्या पर कोई भी सुनने के लिये तैयार ही नही है। इस प्रकार की समस्या से उच्चाधिकारियों का ध्यान गम्भीरता पूर्वक आकृष्ट कराया गया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।, updated by gaurav gupta