मऊरानीपुर (झाँसी) – नगर मऊरानीपुर के मुहल्ला गाँधीगंज स्थित बी. एस. एम. स्कूल में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बाल दिवस बाल मेला लगाकर मनाया गया। जिसमें बच्चों ने बढ चढकर हिस्सा लेते हुये कार्यक्रम को सम्पन्न कराया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डायरेक्टर सौरभ भार्गव एवं एमडी मैडम प्रीति सैनी के द्वारा सरस्वती माँ एवं पं. जवाहर लाल नेहरु की फोटो पर माल्यार्पण कर किया गया। इसी के चलते समस्त स्टाफ एवं बच्चों ने भी फूलमाला चढाकर नेहरुजी के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। फिर विधालय डायरेक्टर सौरभ भार्गव ने अपने सम्बोधन से बच्चों को बालदिवस के रुप में अवगत कराया। कि पंडित जवाहर लाल नेहरु एक महान इंसान थे। जो बच्चों से बहुत प्यार करते थे। जवाहर लाल नेहरु के विषय पर प्यार ही प्यार झलकता है। ये भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे। इनका जन्म 14 नवम्बर 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। इनके पिता मोती लाल नेहरु उसे जमाने में एक प्राख्यात वकील थे। नेहरु जी ने अपनी श्ुरुआती शिक्षा घर से ही ली वे उच्च शिक्षा के लिये इंग्लैण्ड गये। 1912 में वो भारत में लौट आये थे। भारत आते ही पिता की तरह वकील हो गये थे। 27 वर्ष की आयु में 1916 में नेहरु जी ने कमला कौल से शादी की और इंदिरा गाँधी के रुप में एक बेटी के पिता बने। 1947 में भारत की आजादी के बाद वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। गुलामी के दौरान उन्होनें देखा कि अंगेज भारत के लोगों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे थे। तभी उन्होनें स्वतन्त्रता आन्दोलन से जुडने का फैसला लिया था। वे बापू जी के साथ आजादी आन्दोलन से जुडे और आखिरकार वो गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन से जुड गये थे। वो कई बार जेल गये। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ तथा भारत के लोगों ने देश को सही दिशा में आगे बढाने के लिये नेहरु जी को भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में चुना। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने एक बार उनके बारे में कहा था कि पंडित जी के नेतृत्व में देश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ रहा है। बच्चों के चाचा नेहरु और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री क देश की सेवा करते हुये हदय घात की वजह से 27 मई 1964 को उनका निधन हो गया था। इसी के चलते एमडी मैडम ने भी नेहरु जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुये बताया कि नेहरु जी को चाचा जी के नाम भी जाना जाता है। वे भारत के प्रसिद्व व्यक्तियों में एक रहे है। उनका नाम एक प्रसिद्व व्यक्तियों में गिना जाता है और गिना जायेगा। वो बच्चों के प्यारे रहे है। और बच्चों से प्यार करते रहे है। वह राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय व्यक्तियों में अपनी छवि रखने वाले व्यक्तियों में एक रहे है। 1947 से 1964 तक देश के प्रथम और लम्बी अवधि तक रहने वाले प्रधानमंत्री रहे है। इसी के चलते अध्यापक सुरेन्द्र कुशवाहा ने भी नेहरु जी के मार्ग पर प्रकाश डालते हुये बताया कि देश को स्वतन्त्र कराना इनकी प्रथम प्राथमिकता थी और यह वकालत की पढाई प्राप्त कर भारत लौटे और वकालत की शिक्षा प्राप्त की। लेकिन भारत को स्वतन्त्र कराने के लिये इनके विचार होने से इनका मन वकालत में नही लगा और फिर इनकी मुलाकात महात्मा गाँधी जी से हुयी। उन्होने भारत के विकास के लिये पंचवर्षीय योजना का विकास किया। उनका बच्चों के लिये काफी प्यार था और बच्चे उनका जन्मदिन बाल दिवस के रुप मे ंमनाते है। इसी के चलाते वरिष्ठ अध्यापिका रुबी बानो ने भी नेहरु जी को बच्चों को प्यार करने वाला सर्वप्रथम व्यक्ति बताया और उन्होने बताया कि नेहरु जी बच्चों को माता-पिता से भ्ज्ञी अधिक प्यार करते थे। इसी के चलते सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता और सुलेख प्रतियोगिता सम्पन्न हुयी। कार्यक्रम की श्रृंखला में फिर बाल मेला का शुभारम्भ एमडी मैडम प्रीति सैनी के द्वारा फीता काटकर किया गया। जिसके चलते बाल मेला का शुभारम्भ हुआ और बच्चों ने बढ चढकर हिस्सा लेते हुये अपनी – अपनी बाल मेला की दुकानों में खाने पीने के भिन्न- भिन्न सामानों को सजोकर रखा हुआ था। जिसको टोकन के माध्यम से टिकट घर से टिकट लेकर बाल मेला में दुकानों से बच्चों से सामान खरीदा। जिसमें बच्चों ने काफी मुनाफा प्राप्त किया। इसी के चलते रंगोली का शुभारम्भ एमडी मैडम के द्वारा दीया जलाकर किया गया। फिर 2 अक्टूबर गाँधी जयन्ती पर निबन्ध प्रतियोगिता में अभिषेक अहिरवार को प्रथम स्थान, जयहिन्द अहिरवार को द्वितीय स्थान, रवि अहिरवार एवं करन अहिरवार को तृतीय स्थान प्राप्त होने पर उनको विशिष्ट अतिथि रामनारायण राजपूत के द्वारा पुरुस्कार वितरित किया गया। विशिष्ट अतिथि ने इन बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये बच्चों को उत्साहित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि विधालय डायरेक्टर सौरभ भार्गव एवं एमडी मैडम प्रीति सैनी, विशिष्ट अतिथि रामनारायण राजपूत, रुबी बानो, बबली नामदेव, तहसीम बानो, सुरेश सक्सैना, सचिन मिश्रा, सुरेन्द्र कुशवाहा, रोहित सेन, लकी सिंह परिहार, लकी खान, अभय सेन, छोटू अहिरवार, धनकू देवी आदि विधालय स्टाफ मौजूद रहा। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र कुशवाहा एवं अन्त में आभार रोहित सेन ने व्यक्त किया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।updated by gaurav gupta