गया(संवावदाता धीरज गुप्ता) – समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में नीलाम पत्र वाद एवं राजस्व से संबंधित मामलों के निष्पादन की समीक्षा बैठक की गई।बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा निष्पादित मामलों का एक-एक कर समीक्षा की और उन्होंने पाया कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा 26,वरीय उप समाहर्ता शैलेश दास के द्वारा 13, पारुल प्रिया के द्वारा 0,जिला परिवहन पदाधिकारी के द्वारा 0, विशेष कार्य पदाधिकारी शंभू शरण पांडे के द्वारा 0 मामलों का निष्पादन किया गया है इसी प्रकार कई अंचलधिकारियों ने 0 निष्पादन किया है जिनमें वजीरगंज,फतेहपुर,टनकुप्पा, परैया,गुरारू और बांके बाजार शामिल हैं सभी अंचलधिकारियों को जिन्होंने अब तक निष्पादन 0 किया है उनसे स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में कई नीलम पत्र वाद पदाधिकारियों ने बताया कि संबंधित विभाग द्वारा संवेदनशीलता नहीं दिखाई जाती है वे समय पर उपस्थित नहीं होते हैं जिलाधिकारी ने ऐसे पदाधिकारियों के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी करने का निदेश दिया, उन्होंने कहा कि अगर संबंधित थाना आदेश का तामिला नहीं करता है तो अवगत करावें।टिकारी और शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा भी जीरो निष्पादन किया गया है जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि कम से कम 5 बड़े बड़े मामले को लक्ष्य कर उनका निष्पादन करें। साथ ही अद्यतन मामलों का निष्पादन करें।उन्होंने कहा कि थानों के साथ मासिक बैठक होती है उसमें यह यीशु रखा जाए कि किन किन थाने के द्वारा आदेश का तामिला नहीं कराया जाता है
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि एसडीओ सदर के द्वारा नीलम पत्र वाद में पांच गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है लेकिन एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है जिलाधिकारी ने वैसे सभी पदाधिकारियों को जिनके द्वारा नीलम पत्र वाद में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है उनका अनुपालन करवाने का निर्देश दिया गया।समीक्षा के दौरान टिकरी के अंचलाधिकारी ने कहा कि उनके तीन मामलों में अभिलेख नहीं मिल रहे हैं कई जगहों से इस तरह के मामले संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने कहा कि अभिलेख संधारण से संबंधित जितने भी कर्मी अब तक रहे हैं उन सबों को 15 दिनों का समय दिया जाए अगर 15 दिनों के अंदर अभिलेख उपलब्ध नहीं होता है तो जो जो अभिलेख के कस्टोडियन रहे हैं सभी संबंधित कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारिओं को चेतावनी देते हुए कहा कि दाखिल खारिज, आवासीय प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र जैसे सीधे आम जनता से जुड़े मामले लंबित नहीं रहने चाहिए और इस संबंध में उनका जीरो टॉलरेंस रहेगा औचक निरीक्षण के दौरान यदि कहीं कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित पदाधिकारी और कर्मी के खिलाफ सीधे प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और उन्हें जेल भिजवाना भी सुनिश्चित किया जाएगा और उन्होंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के मामले का निष्पादन कर लेने का निर्देश दिया और साथ ही कहा कि किसी भी अंचलाधिकारी के कार्यकाल में यदि किसी सरकारी जमीन पर कब्जा होता है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी भले ही उनका स्थानांतरण क्यों न हो गया हो। अनुमंडल पदाधिकारियों को उन्होंने अपने अंचल कार्यालयों का तथा अंचलाधिकारियों को हल्का की साप्ताहिक जांच करने का निर्देश दिया इस बैठक में सभी नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी उपस्थित थे। updated by gaurav gupta

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