दिल का दौरा पड़ने के बाद व्यक्ति तभी पूर्ण रूपेण ठीक माना जाता है | जब वह शारीरिक , भावनात्मक , सामाजिक और व्यावसायिक रूप से पूर्णतः मजबूत हो जाये | यौन क्रियाकलाप प्रायः प्रत्येक व्यक्ति के साथ जुड़ा रहता है | अतः हृदय रोगियों के सफलतापूर्वक रहन -सहन में उनका यौन क्रियाकलाप भी सम्मिलित है | अगर इस दिशा में रोगी सलाह नहीं लेता तो तनाव की स्थिति उत्त्पन्न हो सकती है | उसके वैवाहिक जीवन पर भावनत्मक रूप से प्रभाव पड़ सकता है | अतः हृदय रोगियों में रहन -सहन के इस पहलु पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवयश्कता होती है | आजकल अधिकतर नौजवान व्यक्ति , जो यौन क्रिया कलाप में सक्रिय माने जाते है | हृदय रोग की चपेट में आते है , तथा हमारे देश के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि यहां यौन संबंधी बातचीत करने पर सामाजिक प्रतिबंध लगा हुआ है | इस पहलु पर विचार विमर्श करने के कारण अनेक नौजवानों का जीवन तथा उनके सहवास के साथियों का जीवन नारकीय बना हुआ हुआ है | प्रायः हृदय रोगी अपने चिकित्सक से ध्रूमपान , पेय सेवन , आहार , व्यायाम संबंधी राय लेते है | सामान्य रूप से डॉक्टर भी इस दिशा में रोगी को कोई बात नहीं बताते है तथा रोगी उनके जीवन साथी भी यौन संबंधी सलाह लेने में शर्माते है | मेडिकल कॉलेज में मानव में यौन व्यवहार के बारे में प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है | इसलिए अधिकांश डॉक्टर इस दिशा में नहीं सोचते है | अतः जीवन के इस महत्वपूर्ण पहलु पर कोई सलाह नहीं देते है|
अभी तक सभवतया यौन क्रिया कलाप के दौरान मृत्यु या दिल के दौरे कि घटना बहुत कम सुनायी दी है | हो सकता है ऐसा इसलिए है क्योकिं प्रायः लोग सामान्य वैवाहिक संबंधों में इस तरह कि बात नहीं बतलाते है | दिल के दौरे के बाद अधिकांश व्यक्ति 6 से 12सप्ताह तक यौन क्रिया कलाप में लिप्त नहीं होते | रोगी में यौन क्रिया कलापों कि आवृति नहीं बढ़ती लेकिन काफी रोगियों में कम अवश्य हो जाती है तथा काफी हद तक रोगी यौन क्रिया को जारी नहीं रख पाते | इसका मुख्य कारण लोगों में पुनः दिल के दौरे होने का डर व्याप्त होना है | कुछ में ऐसे लक्षण भी दिखाई देते है | जो इस क्रिया के प्रति अरुचि प्रकट करते है | कुछ रोगी अपनी स्थिति में परिवर्तन कर देते है | कुछ ऐसी स्थिति से अपने को दूर करते है , जिसे वे आरामदेह नहीं मानते | बहुत कम लोग नई स्थिति का प्रयोग करते है | जो व्यक्ति यौन क्रिया कलाप को जारी नहीं रख पाते है उनके भीतर लोगों के साथ भावनात्मक संबंधों में भी कमी आ जाती है |अनुभवी आँखे न्यूज़ हेल्थ डेस्क (स्रोत : अनुभवी हेल्थ प्रॉब्लम्स हिंदी पत्रिका )
दिल का दौरा पड़ने के बाद यौन क्रिया – कलाप , कैसे करे
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