मधेपुरा(सवांददाता -चंचल कुमार) – भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में संयुक्त छात्र संगठन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत छात्र- छात्राओं के विभिन्न समस्याओं को लेकर जोरदार तरीके से नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
संयुक्त छात्र संगठन के छात्र प्रतिनिधि विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन करते हुए डीएसडब्ल्यू कार्यालय की ओर रुख किया और डीएसडब्ल्यू डा शिवमुनी यादव को उनके ही कार्यालय में घेराव किया। डीएसडब्ल्यू डा शिवमुनी यादव और छात्र नेताओं के बीच घंटों वार्ता हुई तथा नोक झोंक भी होती रही।
मालूम हो कि 22 मई को बीएड सत्र 2017-19 के 136 अनुत्तीर्ण छात्रों के पुनर्मूल्यांकन के समर्थन में संयुक्त छात्र संगठन ने उग्र आंदोलन किया था। आंदोलन के बाद डीएसडब्ल्यू डा शिवमुनी यादव के द्वारा छात्र प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया था कि 27 मई तक मे रिजल्ट दे दिया जाएगा। लेकिन 136 अनुत्तीर्णण छात्रों सिर्फ 48 छात्र-छात्राओं का ही रिजल्ट प्रकाशित किया गया। बाकी 88 छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया। इससे छात्र-छात्राओं के बीच आक्रोष उत्पन्न हो गई। जिसके बाद बीएड के अनुत्तीर्ण आक्रोशित छात्र-छात्राओं विश्वविद्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया।
मौके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने बताया कि जो 10, 12 नंबर से अनुत्तीर्ण हुए थे, उन्हें उत्तरण कर दिया गया और जो तीन नंबर से अनुत्तीर्ण हुुए थे उन्हें अनुत्तीर्ण ही घोषित कर दिया गया। डीएसडब्ल्यू से वार्ता में छात्र नेताओं ने कहा कि 88 बीएड के छात्र छात्राओं को उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति दी जाय या इनके लिए स्पेशल परीक्षा ली जाय। जिसके बाद डीएसडब्ल्यूूू ने छात्र प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि इस मामले को लेकर कुलपति ही निर्णय ले सकते हैं। जिसके बाद छात्र प्रतिनिधियों ने बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय से भी मिलकर छात्र-छात्राओं की समस्याओं से अवगत कराया। कुलपति ने छात्र नेताओं को आश्वस्त किया कि बीएड के छात्र-छात्राओं के लिए जो भी नियम परिनियम के तहत बन पाएगा वह किया जाएगा। छात्र पहले अपनी उत्तरपुस्तिका का छायाप्रति प्राप्त कर लें, अगर उत्तर पुस्तिका में नंबर देने में कोई गड़बड़ी हुई होगी तो उस पर विधि सम्मत करवाई की जाएगी। हर हाल में एनसीटीई के रूल का पालन होगा। वहीं उन्होंने कहा कि बीएड के स्पेशल परीक्षा लेने का मामला परीक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा। साथ ही कुलपति ने प्रीपीएचडी मामले में कहा कि प्रीपीएचडी केे परीक्षा की तिथि को बढ़ाने का विचार किया जाएगा व शुल्क कम करने के लिए जल्द निर्णय लिए जाएंगे।
मौके पर उपस्थित एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मो वसीमउद्दीन नन्हे ने कहा कि बीएनएमयू हमेशा छात्र-छात्राओं को परेशान करने का काम करती है। बीएड के छात्र छात्रा इसका प्रमाण है। उन्होंने प्रीपीएचडी शुल्क को कम करने की मांग की। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन छात्र-छात्राओं के समस्याओ को हल करने में संवेदनहीन बनती जा रही है। छात्र-छात्राओं को परेशान करना ही परीक्षा विभाग का काम रह गया है। कुलपति सिर्फ भाषण देते हैं, जुमला देते हैं। एसएफआई के विश्वविद्यालय प्रभारी सह प्रतियोगी छात्र सारंग तनय ने कहा की पटना यूनिवर्सिटी प्रीपीएचडी टेस्ट शुल्क एक हजार रुपया लेती है। यूजीसी नेट चार सौ रुपया लेती है, फिर बीएनएमयू किस आधार पे 2500 रुपये फीस लेने की बात करती है। उन्होंने प्रीपीएचडी टेस्ट शुल्क पांच सौ रुपये करने की मांग की है। एआईएसएफ के वरीय छात्र नेता नीरज कुमार ने मांग किया कि प्रीपीएचडी टेस्ट यूजीसी नेट एग्जाम के तर्ज पर हो।पीएस कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रीपीएचडी फॉर्म डेट को बढ़ाने की मांग की।
मौके पर मो इरसाद, मो आफताब, प्रशांत , पिंटू, ब्यूटी कुमारी, राज, राजेश, नवीन कु मेहता, प्रीति, प्रेम, रितू, रौशन रमन सहित दर्जनों छात्र मौजूद रहे। updated by gaurav gupta
छात्राओं के विभिन्न समस्याओं को लेकर संयुक्त छात्र संगठन जोरदार प्रदर्शन।
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