उत्तर प्रदेश: कोई इंसान एक जानवर को बचाने के कोई किस हद तक जा सकते है । इसका अंदाज़ा शायद ही कोई लगा सकता है । क्योंकि ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से आया है । जहाँ एक गाय के इलाज के लिए एक लड़की ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल महिला का कहना है कि वह लकवाग्रस्त गाय के लिए इलाज के उसे बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ले जाना चाहती है। मगर गोरक्षकों के डर की वजह से कोई भी ड्राइवर गाय को मेरठ से बरेली ले जाने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि वह 13 नवंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ट्विटर पर मदद मांग रही हैं। लेकिन इसके बाद भी इनमें से किसी भी नेता ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है । हालाँकि उसने एक निजी डॉक्टर से उसका इलाज भी कराया गया। लेकिन दो दिन बाद मोनी अचानक जमीन पर गिर गई। तब मैं उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर गई। मगर वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ।’ ज्योति ठाकुर आगे कहती हैं कि डॉक्टर ने मुझे आईवीआरआई जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास ना तो एक्सरा करने के उपकरण है और ना ही विशेष इलाज की कोई सुविधा है।ठाकुर बताती हैं कि मोनी को बरेली ले जाने के लिए स्थानीय ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट्स ने इंकार कर दिया। वो कहते हैं कि गो रक्षकों के हमले का उन्हें डर है। वो ड्राइवर और उसके सहायक पर हमला कर देंगे।हालांकि उन्होंने पशु-कृषि विभाग और मेरठ पशुचिकित्सा चीफ ऑफिसर से भी मदद मांगी, मगर दोनों ने ही सहायता करने में असमर्थता जताई। बीते गुरुवार को ठाकुर ने जिला न्यायधीश से भी मुलाकात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इससे ये पता चलता है कि कोन गौ रक्षा करना चाहता है और कौन नहीं । लेकिन अब ये देखना ज़रूरी होगा की सरकार गौ की रक्षा करने के लिए ज्योति ठाकुर को मदद मुहैयया कराएगी । अनुभवी ऑंखें न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट