मऊरानीपुर (झाँसी)- चुनाव संग्राम लोकसभा का विनर……….आगामी लोकसभा चुनाव के लिये दिग्गजों के चेहरे दिखने लगे अपने-अपने क्षेत्रां के चुनाव मैदान मेंदिग्गज प्रत्याशियों को है अपनी पार्टी के चिन्ह का बेसब्री से इंतजारसपा-बसपा गठबन्धन से देखना होगा कि भाजपा और काँग्रेस पर पडेगा कोई प्रभावभाजपा के कार्यो एवं योजनाओं से पार्टी को फायदा मिलेगा…..!सर्वणों को 10 प्रतिशत आरक्षण से देखी जा रही भाजपा की मजबूतीकाँग्रेस के काँग्रेसीजन दिख रहे चुनाव की जोरदार तैयारियों में लोगों का मनमुग्ध करने में सपा- बसपा एक साथ मिलकर बना रही चुनाव की भूमिका आगामी आ रहे लोकसभा चुनाव की चहल- पहल हर क्षेत्र में काफी अत्यधिक सुनायी दे रही है। जिसमें चुनाव मैदान में उतरने वाले दिग्गज अपनी भूमिका बनाने में दिखलायी देने लगे है। अब दिग्गजों को अपने चिन्ह पार्टी के मिलने के लिये विचार विमर्श काफी गहराई से देखा जा रहा है। कि आखिर में किसी न किसी तरह जिस पार्टी से जो भी प्रत्याशी टिकट की चाह कर रहा है उसका उद्देश्य है कि उसे उस पार्टी का टिकट मिल जाये कारण कि टिकट की होड में काफी दिग्गज अपनी – अपनी किस्मत को अजमायेंगे। फिर भाग्य किसका काम करता है और किसको टिकट मिल पाता है। इसी के चलते दिग्गजों के मैदान में अपनी भूमिका में भी कोई भी कमी नही देखी जा रही है प्रत्याशी अपने क्षेत्र में लोगों का दिल जीतने में लगे हुये है। और अपनी – अपनी पार्टी की उपलब्धियाँ लोगों को बता रहे है। वही जिला से लेकर तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पार्टी की उपलब्धियों के बारे में बताते हुये दूसरी पार्टी की कमजोरी को दिखा रहे है। जिससे उनकी मजबूती और उनकी पार्टी की मजबूती हो सके। इसी के चलते जहाँ सपा और बसपा एक साथ चुनाव मैदान में देखने को मिल रही है। वही भाजपा और काँग्रेस भी अलग- अलग दावेदारी करते हुये चुनाव मैदान में खडी हुयी है। जिससे लोगों में काफी खुशी का जश्न देखा जा रहा है कि एक ओर भाजपा- काँग्रेस अलग – अलग है तो एक ओर सपा- बसपा साथ साथ गठबन्धन के साथ चुनाव मैदान में चुनाव लड रही है। इससे देखना होगा कि सपा- बसपा को गठबन्धन का कितना फायदा मिल पाता है। कि गठबन्धन गठबन्धन ही होकर न रह जाये। ये चर्चा लोगों में काफी छायी हुयी देखी जा रही है चुनाव संग्राम में कुछ ही समय शेष बचा है और चुनाव का संग्राम तो लोगों में प्रारम्भ ही हो गया है और प्रत्येक पार्टी के नेता अपनी- अपनी पार्टी की उपलब्धियाँ गिनाने के लिये हर सम्भव प्रयास करते हुये देखे जा रहे है। देखना होगा कि सपा- बसपा गठबन्धन से भाजपा – काँग्रेस पर कोई प्रभाव पडता है या फिर ये गठबन्धन- गठबन्धन ही देखा जायेगा। साथ ही काँग्रेस पार्टी का कितना लोगों में बहुमत देखा जाता है ये तो चर्चा का विषय बना हुआ है । काँग्रेसी काँग्रेस के लिये काफी तैयारियों में लगे हुये है और अब यह देखना होगा कि काँग्रेसियों के द्वारा कितना काँग्रेस पार्टी को सहयोग मिल पाता है और काँग्रेस बिना गठबन्धन के चुनाव मैदान में चुनाव को लड रही है। इससे क्या भाजपा को नुकसान होगा या फिर भाजपा के पत्ते लोगों के दिल से ही फिटेगें। और भाजपा को इन तीनों पार्टियों से कोई भी नुकसान कतई न देखा जाये या फिर इन पार्टियों से कितना नुकसान होता है ये लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही भाजपा सरकार के द्वारा सर्वण जाति को 10 प्रतिशत आरक्षण करने से भाजपा की मजबूती और भाजपा द्वारा कराये गये कार्यो और योजनाओं से लोगों के दिल और दिमाग से भाजपा को कितना सहयोग मिलेगा ये आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा। पार्टियों के दिग्गज नेता पार्टियों से टिकट के लिये अपनी भूमिका जोरदार बनाते हुये चुनाव मैदान में उतरेगें। ये अपनी पूरी कोशिश के साथ चुनाव की बाजी लगाने के लिये अपने- अपने दाव पेंच लगाने में प्रारम्भ हो गये है । जो अभी से चुनाव तैयारियों में अपना तन मन धन से देखे जा रहे है। इस वर्ष चुनाव के लिये काफी दिग्गजों के चेहरे खिलते हुये देखे जा रहे है। जो अभी से चुनाव तैयारियों में अपना तन मन धन के साथ देखने को मिल रहे है। लेकिन अपने क्षेत्रों में ये किसी भी पार्टी एवं राजनैतिक लोगों का रिजल्ट नही निकल रहा है। कि कौन कौन अपना भाग्य अजमायेगा और लोगों का अन्दाजा लगाया जा रहा है कि कौन इस इस वर्ष की लोकसभा चुनाव में सीट को अपने कब्जे में करता है। और कौन बनेगा लोकसभा का विनर । किसके हाथ में होगी लोकसभा की कमान । जिला से लेकर तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पार्टियों के नेता अपनी- अपनी पहल बनाने में लगे हुये है। और अपनी अपनी पार्टियों की मजबूती बताते हुये अपनी – अपनी पार्टियों को लोकसभा में आगे लाने के लिये लोगों को अग्रसर करने में बने हुये है। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।

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