आजकल के समय में खान – पान सही ना होने के कारण बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और उनकी हड्डिया भी कमजोर होने लगती है | बुजुर्गों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या बन गई है | इसी को दूर करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक ऐसे तंत्र की पहचान की है जो बताता है कि बुजुर्गो की हड्डियों में कमजोरी क्यों आ जाती है | आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके कारन उम्र के साथ – साथ हड्डिया भी कमजोर होने लगती है |वह अपने आप में अकेलापन महसूस करते है | इसी बात को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने ऐसा तरीका खोज निकाला है, जिसके जरिए भविष्य में बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने के इलाज में काम आ सकता है | शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑस्टियोपेरोसिस यानी हड्डी के पतलेपन और घनत्व में कमी के कारण हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है | यह बुजुर्गो की एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है |जिसके कारण वे बहुत परेशान रहते है | छोटी – छोटी चीजों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है | अक्सर ये हालात अस्थि मज्जा में वसा कोशिकाओं की वृद्धि के साथ पैदा होते हैं | बर्मिघम के अलबामा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यू-पिंग ली के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि सीबीएफ-बीटा नामक एक प्रोटीन हड्डियों के बनने में मददगार रहता है और कोशिकाओं को शरीर में बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | अनुभवी आँखे न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट |