उपराष्ट्रपति चुनाव की मंगलवार को अधिसूचना जारी होने जा रही है. इसके साथ ही इस पद के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही इस पद की उम्‍मीदवारी के लिए सियासी गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक वैसे तो सत्‍तारूढ़ एनडीए की तरफ से कई नाम उभर कर आए हैं लेकिन मणिपुर की गवर्नर और पूर्व अल्‍पसंख्‍यक मंत्री नजमा हेपतुल्‍ला और गुजरात की पूर्व मुख्‍यमंत्री आनंदी बेन पटेल का नाम सबसे आगे चल रहा है.

नजमा हेपतुल्‍ला
बीजेपी की राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष रही हैं. 1986-2012 के बीच पांच बार राज्‍यसभा राज्‍यसभा सदस्‍य रही हैं. 16 वर्षों तक लगातार राज्‍यसभा की उपसभापति रही हैं. अगस्‍त 2007 में 13वें उपराष्‍ट्रपति चुनाव में वह हामिद अंसारी के खिलाफ लड़ी थीं लेकिन 233 वोटों से हार गई थीं. मौजूदा उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी लगातार दो बार से इस पद पर हैं. 10 अगस्‍त को उनका कार्यकाल खत्‍म हो रहा है.

आनंदी बेन पटेल
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात की मुख्‍यमंत्री बनीं. तकरीबन दो साल इस पद पर रहने के बाद हटीं. इनके दौर में पाटीदारों का आंदोलन गुजरात में सुर्खियों का सबब बना. आनंदी बेन खुद पटेल समुदाय से ताल्‍लुक रखती हैं. यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से गुजरात का सबसे ताकतवर समुदाय है. आरक्षण के मुद्दे पर पाटीदारों के आंदोलन की पृष्‍ठभूमि में इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. यह समुदाय पिछले 20 वर्षों से सत्‍ताधारी बीजेपी के साथ जुड़ा हुआ है लेकिन इनके आंदोलन के चलते अबकी बार तस्‍वीर थोड़ी अलग है. सूत्रों के मुताबिक पटेल समुदाय के असंतोष को थामने की गरज से बीजेपी आनंदी बने पटेल का नाम आगे बढ़ा सकती है क्‍योंकि अमित शाह और पीएम मोदी की प्रतिष्‍ठा के लिहाज से गुजरात बीजेपी के लिए काफी अहमियत रखता है.

उल्‍लेखनीय है कि राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है. इस समय दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या 790 है लेकिन कुछ सीट रिक्त हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक नामांकन भरने की अंतिम तिथि 18 जुलाई होगी तथा छंटनी का कार्य 19 जुलाई को किया जाएगा. उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना मतदान वाले दिन, पांच अगस्त को ही होगी.

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