बिहार(संवाददाता धीरज गुप्ता) – गया आयुक्त, मगध प्रमंडल, गया पंकज कुमार पाल द्वारा 17 जुलाई, 2019 को अनुमंडल अस्पताल, टिकारी का औचक निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण के दौरान अस्पताल के प्रवेश द्वार पर रखा हुआ गंदा स्ट्रेचर पाया गया जिसपर मखियाँ लगी हुई थी और उससे दुर्गंध भी आ रहा था,आयुक्त महोदय ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है एवं साफ सफाई के संबंध में पूछने पर बताया गया कि 6 सफाई कर्मी आउटसोर्सिंग एजेंसी के द्वारा लगाए गए हैं। लेकिन निरीक्षण के दौरान एक भी सफाई कर्मी उपस्थित नहीं पाया गया और अस्पताल में बनाया गया ए०ई० एस०/जे०ई० वार्ड महज खानापूर्ति पाया गया। वहां नर्स/कर्मी, ऑक्सीजन सिलेंडर, म्युकस सकर मशीन, इमरजेंसी दवा नहीं पाया गया, न ही ए०ई० एस०/जे०ई० से संबंधित बैनर/ पोस्टर पाया गया एवं वार्ड के बगल में शौचालय भी गंदा पाया गया है ए०ई०स०/जे०ई० के मरीज के संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अभी तक कोई मरीज अस्पताल में नहीं आया लेकिन आयुक्त महोदय को कौशल राम, गुलजारबाग निवासी के पुत्र संजीव कुमार की मौत की सूचना मिली थी और बच्चे की मौत 2 दिन पहले हुई थी और पूछने पर पता चला कि उपाधीक्षक द्वारा उस ग्राम में न तो भ्रमण किया गया,न ही की केरोसीन और गेमेक्सिन का छिड़काव करवाया गया है न ही सूर्यास्त के उपरांत टेक्निकल मामाथियन का फॉगिंग कराया गया है फागिंग मशीन अकार्यरत पाया गया, निरीक्षण में पाया गया कि उपाधीक्षक द्वारा ए०ई०एस०/जे०ई० के रोकथाम और बचाव के लिए प्राप्त निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया है टिकारी थाना के टेपा ग्राम निवासी राहुल राज, पिता – स्वर्गीय रामशीष शर्मा ने बताया कि पैन कार्ड में नाम सुधार कराने हेतु फार्म पर डॉक्टर सरोज कुमार सिंह,उपाधीक्षक अनुमंडल अस्पताल,टिकारी द्वारा अभिप्रमाणित करने के एवज में ₹200 लिया गया है इस संबंध में राहुल राज ने शपथ पत्र भी दिया है और इसके लिए प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है आशा कार्यकर्ताओं के लंबित प्रोत्साहन राशि के भुगतान के संबंध में उपाधीक्षक द्वारा बताया गया कि टिकारी में कोई मामला लंबित नहीं है परंतु निरीक्षण के दौरान उपस्थित आशा कार्यकर्ता आशा कुमारी ने बताया कि उनका वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 का प्रोत्साहन राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है अस्पताल के रख-रखाव में कमी को लेकर अस्पताल प्रबंधक मनोज कुमार का वेतन स्थगित कर दिया गया और साथ ही उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिया गया है एवं निरीक्षण के दौरान जेनेरिक दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं पाया गया है महिला लेबर रूम में ऑटो क्लेव लगा नहीं पाया गया है इन सब कमियों को देखते हुए यह पाया गया कि उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल टिकारी अपने कर्तव्य के प्रति जवाबदेह नहीं है वे अधिकतर समय अपने प्राइवेट क्लीनिक में रहते हैं और इसके लिए उपाधीक्षक अनुमंडल अस्पताल, टिकारी का वेतन बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण की पृच्छा की गई। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।updated by gaurav gupta

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