नई दिल्ली: बिहार की राजधानी में पटना में जहां सीएम और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है वहीं बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद से बगावत के रास्ते चल पड़े शरद यादव ने बागी नेताओं के साथ मिलकर जन अदालत नाम से अलग से सम्मेलन बुलाया है. पटना में बागी नेताओं ने पटना में कुछ पोस्टर लगाए हैं, जिनमें लिखा है, ‘जन अदालत का फैसला….महागठबंधन जारी है.’ इन पोस्टरों पर शरद यादव, जदयू के राज्यसभा सदस्य अली अनवर और पूर्व मंत्री रमई राम की तस्वीरें हैं.

दिल्ली में नीतीश पर हमला तेज करते हुए राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने जोर देकर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे लोग ही ‘असली जदयू’ है और नीतीश ‘भाजपा जनता दल का प्रतिनिधित्व’ कर रहे है. पार्टी में ‘फूट’ की बात स्वीकार करते हुए अंसारी ने कहा कि शरद जी को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाए जाने पर जदयू कार्यकर्ताओं में ‘भारी नाराजगी’’है. उन्होंने कहा कि शरद जी सहित पार्टी के सभी नेता पटना में मौजूदा घटनाओं पर चर्चा करेंगे और बाद में बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.  पार्टी से निलंबित कर दिए गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरूण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि फूट की स्थिति में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे के लिए बागी गुट चुनाव आयोग का रुख कर सकता है.

श्रीवास्तव ने कहा, ‘वैसे तो मैं नहीं समझता कि नीतीश पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करेंगे, क्योंकि उन्हें पार्टी या इसके चुनाव चिह्न से कोई प्यार नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग का रुख करेंगे’ .’श्रीवास्तव ने यह दावा भी किया कि बिहार और झारखंड को छोड़कर पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयां शरद यादव के समर्थन और नीतीश के विरोध में हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमें 14 प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों से समर्थन पत्र प्राप्त हुआ है, जो जदयू और भाजपा के गठबंधन के विरोध में हैं.’ उन्होंने पटना में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन वे शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि आनन-फानन में इसका आयोजन हो रहा है.’ पार्टी के पूर्व महासचिव ने स्पष्टीकरण मांगे बगैर पार्टी के नेताओं को हटाने में ‘लोकतांत्रिक मानकों’ का पालन नहीं करने को लेकर नीतीश पर हमला बोला.

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