सहरसा(संवाददाता रंजीत राणा) – कोशी प्रशिद्ध देवनवन श्रावणी मेला इस बार कई संयोग लेकर आ रहा है. लगभग सवा सौ साल बाद सावन माह में इस बार 17 जुलाई को पूर्णिमा व संक्रांति तिथि के अनुसार सावन प्रारंभ हो रहा है. इस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत होगी. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग का संयाेग है. सावन में चार सोमवार पड़ेंगे. इसके अलावा रक्षा बंधन व स्वतंत्रता दिवस भी एक ही दिन होगा. एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग माना जा रहा है।
जानकारों के अनुसार, यह संयोग लगभग सवा सौ साल के बाद बन रहा है. बाबा देवनवन के जानकार पुरोहिताें में से एक नारायण झा ने बताया कि बहुत दिनों के बाद सावन में कई बड़े संयोग हैं. एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग है. यह लगभग सवा सौ साल बाद आ रहा है. इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थसिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है. पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही प्रकृति के हरे-भरे रहने की संभावना बनती है. सावन की तीसरी सोमवारी के दिन नागपंचमी
इस बार नागपंचमी का शुभ दिन सोमवार पांच अगस्त को है. सोमवार व नाग पंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष दिन माना गया है. इसलिए इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व होगा. पंडित जी ने बताया कि नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र व त्रियोग का संयोग भी बन रहा है. सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धि योग एवं रवि योग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा.
महत्वपूर्ण तिथियां
-17 जुलाई सावन माह का पहला दिन
-22 जुलाई सावन की पहली सोमवारी
-29 जुलाई सावन की दूसरी सोमवारी
-05 अगस्त सावन की तीसरी सोमवारी
-12 अगस्त सावन की चौथी सोमवारी
-15 अगस्त सावन माह का अंतिम दिन। updated by gaurav gupta