बिहार(संवाददाता धीरज गुप्ता) – गया जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक की गई इस बैठक में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सर्वप्रथम डीजल अनुदान की समीक्षा की गई एवं जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खेती करने वाले किसान, बटाईदार को ₹50 प्रति लीटर की दर से ₹500 प्रति एकड़ प्रति सिंचाई के लिए डीजल अनुदान दिया जाना है और यह अनुदान धान का बिचड़ा, जूट की फसल की 2 सिंचाई के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ तथा धान, मक्का अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तिलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे के 3 सिंचाई के लिए पंद्रह सौ रुपए प्रति एकड़ डीजल अनुदान दिया जाना है और इस योजना का लाभ ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जाएगा। वैसे किसान जो पूर्व में www.dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीकृत है उन्हें पुनः पंजीकरण नहीं कराना है और वे सीधे डीजल अनुदान के लिए उक्त वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। वैसे किसान जिनका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है और उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा एवं डीजल अनुदान की राशि आधार से जुड़े खातों में ही स्थानांतरित की जाएगी और जिन किसानों का मोबाइल संख्या आधार से जुड़ा हो वह स्वयं अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं या ग्राहक सेवा केंद्र,सहज, वसुधा केंद्र से संपर्क कर निशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण कराने के साथ-साथ डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं एवं किसान को तीन श्रेणी में बांटा गया है स्वयं, बटाईदार एवं स्वयं+बटाईदार।

स्वयं की स्थिति में किसान थाना नंबर, खाता नंबर, खेसरा नंबर, कुल संचित रखवा तथा अगल-बगल के 2 किसानों के नाम अंकित करेंगे तथा डीजल पावती अपलोड करेंगे एवं बटाईदार किसान उक्त के अलावा सत्यापित दस्तावेज भी अपलोड करेंगे और स्वयं+बटाईदार किसान के लिए भी सत्यापित दस्तावेज अपलोड करेंगे एवं सत्यापित करने का कार्य संबंधित वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक /किसान सलाहकार के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा और सत्यापित करते समय ध्यान रखा जाएगा कि वास्तविक खेती करने वालों को ही अनुदान मिल सके और जिलाधिकारी द्वारा पशु चारा,नाद, उर्वरक की दर निर्धारण,वैकल्पिक खेती के लिए बीज व्यवस्था,रवि फसल के लिए मृदा आद्रता के आधार पर उत्पादकता का अनुमान करना, रूफटॉप फार्मिंग,किसान सम्मान योजना के तहत प्राप्त आवेदन,वर्मी कंपोस्ट,फसल प्रत्यक्षण की समीक्षा की गई है जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वैकल्पिक खेती के लिए बीज की मांग की जा चुकी है रूफटॉप फार्मिंग के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है जिसमें विशेषज्ञों की सुविधा भी प्रदान की जानी है।updated by gaurav gupta

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