पटना: तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. गुरुवार को बीपीसीएल अधिकारियों की एक टीम लारा पेट्रोल पंप पर पहुंची और उसके रद्द होने का नोटिस थमा दिया. ऐसा कोर्ट की उस कार्रवाई के बाद हुआ जिसमें अदालत ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के स्वामित्व वाले पेट्रोल पंप को लेकर तेल कंपनी की कार्रवाई पर लगा स्थगन हटा लिया.
गौरतलब है कि 17 जून को तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल) ने रद्द कर दिया. बीपीसीएल ने यह कार्रवाई पेट्रोल पंप के लिए ‘अवैध’ तरीके से जमीन लिए जाने के आरोप के तहत की थी. हालांकि शाम होते-होते एक स्थानीय अदालत ने बीपीसीएल के आदेश पर रोक लगा दी थी. तेज प्रताप ने बीपीसीएल के रद्द करने के आदेश को एक स्थानीय अदालत में चुनौती दी थी, जिसके बाद अंतरिम रोक का आदेश सामने आया था.
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि अनीसाबाद बाईपास रोड पर जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है, उसके असली मालिक तेज प्रताप यादव नहीं हैं. इस आरोप के मद्देनजर, बीपीसीएल ने 29 मई को तेज प्रताप को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था. यह नोटिस बीपीसीएल (पटना) के क्षेत्रीय प्रबंधक (खुदरा) मनीष कुमार ने भेजा था. शिकायत में कहा गया है कि तेज प्रताप ने ‘गलत’ जानकारी देकर पेट्रोल पंप लिया. उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया, जो बीत गया.
तेज प्रताप ने साल 2012 में लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था और इस साल 27 फरवरी को लाइसेंस जारी कर दिया गया, जो एम/एस लारा ऑटोमोबाइल्स के नाम पर था, जिसके मालिक तेज प्रताप हैं. शिकायत के मुताबिक, मंत्री ने आवेदन में गलत सूचना दी कि जमीन उनके नाम पर है. जमीन का असली मालिक एम/एस ए.के. इंफोसिस्टम्स है, जिसने कभी तेज प्रताप को अपनी जमीन लीज पर नहीं दी.