बिहार(संवाददाता धीरज गुप्ता) – गया अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचारनिवारण(संशोधित)अधिनियम 2015 के तहत 120 पीड़ित परिवार को अधिनियम में निर्धारित राशि के अनुसार मुआवजा उपलब्ध कराने हेतु जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की गयी इस बैठक में उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी,पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय जितेंद्र पांडे,माननीय कृषि मंत्री प्रेम कुमार के प्रतिनिधि प्रमोद चौधरी, माननीय पूर्व मुख्यमंत्र जीतन राम मांझी के प्रतिनिधि मो0 टूटू खान, मननीय सदस्य राम उदय पासवान, माननीय सदस्य निरंजन कुमार,शेरघाटी के माननीय विधायक विनोद यादव के प्रतिनिधि सुरेंद्र यादव,प्रभावती अस्पताल के अधीक्षक माननीय सदस्य राजेंद्र कुमार दास एवं विशेष लोक अभियोजक अशोक चौधरी उपस्थित थे इस बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी, गया गिरीश चंद्र पांडे द्वारा जिले के विभिन्न थानों के 120 मामलों में पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव रखा गया और सभी सदस्यों की सहमति से जिलाधिकारी ने प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए सात दिनों के अंदर संबंधित लाभुकों के खाते में राशि भेजने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया है
अनुदान की कुल राशि 1 करोड़ 05 लाख 16 हजार 250 रुपए की स्वीकृति दी गयी है इस बैठक में पूर्व से लंबित पेंशन मामले की जांच कर भुगतान करने हेतु जिला पदाधिकारी द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है बड़े मामलों में डोभी थाना कांड संख्या 676/18 के मामले में मृतक विमल मंडल के पुत्र राहुल कुमार,डोभी थाना कांड संख्या 117/19 में मृतक काली चौधरी की पत्नी पनवा देवी, मोहनपुर थाना कांड संख्या 1144/19 में मृतक की पत्नी बचिया देवी को 4 लाख 12 हजार एवं गुरुवा थाना कांड संख्या 125/18 में मृतक की पत्नी रिमझिम देवी को हत्या के मामले में 8 लाख 25 हजार रुपये का अनुदान की स्वीकृति दी गयी एवं शेष सभी मारपीट एवं गाली गलौज के मामले में एक-एक लाख रुपए अनुदान स्वीकृत किए गए हैं जिसमें प्रथम किस्त की राशि की भी स्वीकृति दी जा चुकी है समिति के सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री माननीय जीतन राम मांझी के प्रतिनिधि श्री टूटू खान द्वारा 6 मामले उठाए गए एवं राजेंद्र कुमार दास द्वारा 4 मामले में अनुदान की राशि की मांग की गई जिनमें sc-st थाना कांड संख्या 92/ 16 में अगलगी के प्रभावितों को द्वितीय किस्त के मुआवजा दिलाने की मांग की गई जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन से इसका निष्पादन करवाया जाएगा और कोतवाली थाना कांड संख्या 132 /05 में धारा सुधार कर मुआवजा देने की मांग की है
जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को सभी लाभुकों के अनुमान्य राशि का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से 7 दिनों के अंदर करवाने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त उन्हें अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित समिति की बैठक प्रत्येक माह में करवाने का निर्देश दिया गया है और साथ ही कहा कि पेंशन स्वीकृति के मामले में अनुपालन नहीं होने पर जिला कल्याण पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे एवं अगली बैठक से इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए और उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित मामले जिला प्रशासन के सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं और पिछले डेढ़ साल में जितने मामलों में मुआवजा दिलवाया गया है शायद पहले उतना कभी नहीं दिलवाया गया है चार्ज शीट विलंब से आने पर वरीय पुलिस अधीक्षक के स्तर पर समीक्षा की जाएगी तथा संबंधित दोषी पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई पर विचार विमर्श किया जाएगा और इसके अतिरिक्त वैसे मामले जिनमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट विलंब से प्राप्त होता है के लिए प्रिंसिपल एएनएमसीएच को पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया गया और उन्हें निदेशित करने को कहा गया कि अगली बैठक से उनके एक प्रतिनिधि बैठक में रिपोर्ट के साथ भाग लेंगे और वैसे मामले जिनमें लाभुकों का खाता खुलने में विलंब हो रहा है एवं संबंधित विकास मित्र को खाता खुलवाने एवं इसका पर्यवेक्षण संबंधित प्रखंड कल्याण पदाधिकारी से करवाने का निर्देश दिया गया है उन्होंने कहा कि यदि मुआवजा स्वीकृति के उपरांत लाभुक के खाता खुलने में विलंब होता है तो संबंधित विकास मित्र कार्रवाई के पात्र होंगे और संबंधित प्रखंड कल्याण पदाधिकारी जवाबदेह होगे। updated by gaurav gupta

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