मंझौल(बेगुसराय) – गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिये आंगनबाड़ी केंद्रों पे गोद भराई का कार्यक्रम होता है ,इसके के दौरान केंद्र के क्षेत्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म का आयोजन भी किया जाता है. इसके अंतर्गत मंगलगीत होते, केंद्र को रंगोली से सजाया जाता है. प्रत्येक माह के सात तारीख को यह कार्यक्रम होता है.
इस क्रम में चेरिया बरियापुर प्रखंड मंझौल 4 पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र बनिया टोला केंद्र संख्या 109 ओर केंद्र संख्या 90 पर गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन सेविका द्वारा किया गया. कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षिका पद्मावती किरण और पिरामल फाउंडेशन के दीपक मिश्रा ने भाग लिया. उन्होने उपस्थित ग्रामीणों के बीच पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा की चर्चा की. विशेष रूप से एनीमिया की चर्चा करते हुए महिलाओं को आयरन की गोली खाने को प्रेरित किया.
इस दौरान महिला के साथ साथ पुरूष को भी गर्ववती महिला का ख्याल रखने को कहा. केंद्र अनेक ग्रामीण गोद भराई उत्सव में शामिल हुए.

यह कार्यक्रम,यह सदेश देता है अगर जीवन के प्रथम हजार दिन पोषित ,टीकाकरण सहित हुआ तो जीवन मे स्वस्थ्य समस्या कम होगी।
प्रथम हजार दिन में गर्भधारण 9 महिने ओर बच्चे के प्रथम दो साल जो कुल मिला के लगभग एक हजार दिन होते है।
इस कार्यक्रम द्वारा गर्भवती ओर उनके परिवार को प्रसव पुर जानकारी ,गर्भावस्था के दौरान देखभाल ,सावधानी ,खान पान के बारे में बताया जाता है ,
जल्द अस्पताओ में या ग्रामीण पोषण स्वस्छ्ता दिवस के दिन जल्द पंजीकरण करा एमम द्वारा प्रसवपूर्व चार जांच और प्रसव अस्पताल में कराने हेतु प्रेरित किया जाता है।
सरकार की इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिला की गोद भराई के लिए सभी रीति रिवाज पूरे करने होंते. ताकि महिला को घर जैसा माहौल मिलें. गोद भराई कार्यक्रम से बेटी बचाओ का संदेश भी दिया जाता है. आसपास के गली मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाओं को बुलाकर सोहर, स्वागत मंगलगीत गाए जाते है.
गोद भराई में महिलाओं को मिलता है सम्मान
आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र पर बुलाकर उसको भेंट की जाती है. परंपरा के मुताबिक मौसमी फल, नारियल, अंकुरित अनाज, गुड़, भूना चना आदि भरना है।updated by gaurav gupta

loading...