जानकीनगर :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चोपड़ा बाजार स्थित जानकी नगर विस्तार केंद्र कार्यालय में 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की 191वीं जयंती मनाई। मौके पर जिला संयोजक अभिषेक आनन्द ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया। एक महिला होते हुए भी उन्होंने अपने पराक्रम से ब्रिटिश राज्य को ललकारा और उनसे लड़ते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुई।सन 1857 के भारतीय विद्रोह में उन्होंने साहस के साथ ब्रिटिश राज्य का सामना किया था। उनके साहस और पराक्रम को आज भी पूरा विश्व याद करता है। नगर सह मंत्री राजीव कुमार ने कहा कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई स्वतंत्रता सेनानियों के आगामी पीढ़ियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ बन गया। साथ ही उनके अपार प्रयासों के लिए झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के चिन्ह के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय कला मंच प्रमुख असीम मुखर्जी ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 19 नवंबर 1828 को पवित्र स्थान वाराणसी में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में पिता मोरोपंत तांबे और माता भागीरथी बाई के घर में हुआ था उनका नाम जन्म के समय मणिकर्णिका तांबे दिया गया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यालय मंत्री तुलाकांत मेहता ने किया इस मौके पर प्रदीप कुमार गोलू कुमार रंजीत कुमार मोहम्मद परवेज आशीष कुमार प्रियदर्शी राज सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे। रिपोर्ट – अंशू कुमार, updated by gaurav gupta