पूर्णियाँ – पूणियां में सहयोग अध्यक्ष डॉ अजीत प्रसाद सिंह के द्वारा सहयोग प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया इस अवसर पर सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए डॉ अजीत प्रसाद सिंह ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के चित्र पर पुष्प अर्पित किया और नर्स सेवा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा

नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अमीर और ग़रीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी चल रही है। विकसित देश अपने यहाँ नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहाँ पर अच्छा वेतन और सुविधाएँ देते हैं, जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती हैं। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सोंं को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता, जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती थी

आज के परिवेश में स्वास्थ्य सेवा में नर्स की भूमिका आम हो चली है नर्स स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ मानी जाती है इसके प्रति को सम्मान भाव रखना चाहिए क्योंकि यह अपने परिवार की चिंता किए बगैर पीड़ित लोगों की बड़े ही इमानदारी से सेवा करती है सेवा के बदले उन्हें सम्मान और उनके प्रति निष्ठा रखनी चाहिए

डॉ अजीत प्रसाद सिंह बताया कि आज आज के समय में

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारत में प्रशिक्षित नर्सो की संख्या में कुछ सुधार हुआ है। अच्छे वेतन और सुविधाओं के लिए पहले जितनी अधिक संख्या में प्रशिक्षित नर्से विदेश जाती थी, आज उनकी संख्या में कमी आई है। रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण रोगी और नर्स के अनुपात में अंतर बढ़ा है, जिस पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

आज सरकारी अस्पतालों में नर्सो को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और अन्य सुविधाएँ मिल रही है। उनकी हालत में भारी सुधार आया है जिससे नर्सो का पलायन काफी रूका है लेकिन कुछ राज्यों और गैर सरकारी क्षेत्रों में आज भी नर्सो की हालत अच्छी नहीं है। उन्हें लंबे समय तक कार्य करना पडता है और उनको वे सुविधाएँ नहीं दी जाती है जिनकी वे हकदार हैं।

कार्यक्रम में संस्थान सदस्य डॉ राजेश गोस्वामी डॉ प्रीतम सक्षम राज रंजीत आस्था डॉ बबीता गोस्वामी नर्स प्रियंका कुमारी नर्स श्वेता कुमारी उपस्थिति हुए और अपना विचार प्रस्तुत किया। रिपोर्ट – प्रफुल्ल सिंह, updated by gaurav gupta 

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