छातापुर।सुपौल। – समान कार्य समान वेतन,राज्यकर्मी का दर्जा,पुरानी पेंशन योजना,पुरानी अनुकम्पा नीति ,सेवा 65 साल करने को लेकर 17 फरवरी से बिहार के 75 हजार विद्यालयों में तालाबंदी कर मैट्रिक परीक्षा , बी एल ओ कार्य , जनगणना सहित अन्य कार्यों का बहिष्कार करेंगे बिहार के पांच लाख शिक्षक।सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीतियों ने बिहार के पांच लाख नियोजित व नियमित शिक्षक को आन्दोलन पर उतरने के लिए बाध्य किया है। प्रखण्ड काॅलनी छातापुर में आहुत प्रखण्ड संघर्ष समन्वय समिति, छातापुर की बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति अध्यक्ष मंडली सदस्य सह पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने ये बातें कही।उन्होंने कहा कि 15 दिन पूर्व ही सरकार को हड़ताल पर जाने की सूचना दे दिया गया था।लेकिन सरकार वार्ता करने के बजाए शिक्षकों को डराने का प्रयास कर रही है । कहा कि सरकार हड़ताल पर जाने वाले शिक्षकों पर किसी तरह की कार्यवाई करती है,तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा ।कहा कि सरकार अगर शिक्षा व शिक्षक हितैषी है,तो शिक्षकों की मांगों को निर्धारित अवधि से पूर्व पुरा करें । कहा कि 15 फरवरी को हड़ताल के समर्थन में सूबे के सभी प्रखण्ड मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के सदस्य प्रेम पाठक, गुणानंद सिंह व अखिलेश बहादुर ने कहा कि सुपौल के छातापुर के सभी शिक्षक शत प्रतिशत तालाबंदी कर हड़ताल पर रहेंगे।मौके पर राजीव कुमार झा,धनंजय मेहता, चन्देश्वर तत्मा, दिनेश कुमार यादव,संतोष मल्लिक, संतोष कुसयेत, बिनोद साह,डी एन यादव,चंदन साह,पिंकी आरत,करमचंद राम,बीरेन्द्र सरदार, कुंदन कुमार,लाल मेहता, कैशव कुमार, हेमंत कुमार झा, पप्पू राम,सुबोध कुमार यादव, सोनू पूर्वे सहित सैकड़ों शिक्षक/शिक्षकाएं मौजूद थे ।रिपोर्ट – संजय कुमार भगत, updated by gaurav gupta