पूणियां – छात्र संघ चुनाव के मद्देनजर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का शिष्टमंडल सोमवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह से मिलकर ज्ञापन सौंपा। पुर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हो रहे चुनाव की तिथि दोबारा निकाली गई जिन तिथियों में चुनाव संपन्न होना सुनिश्चित हुआ है, वह निम्न विषयों के कारण परिवर्तित किया जाना चाहिए छात्र संघ चुनाव के नामांकन तिथि के दिन बसंत पंचमी की पूजा है, जिसे आम छात्र जोर-शोर से मनाते आ रहे हैं ऐसे में एक दिन बाद यानी 31 जनवरी को मूर्ति विसर्जन के दिन नामांकन लेना उचित प्रतीत नहीं होता है। आम छात्र एवं आम जनमानस का स्पष्ट मानना है कि यह तिथि अविलंब परिवर्तित होनी चाहिए। छात्र संघ चुनाव छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार को प्रदान करती है, लेकिन जब छात्रों को कॉलेज परिसर में छात्रों से संपर्क तथा प्रचार प्रसार से रोका जाय तो फिर इस चुनाव का उचित किया रहता है। इंटरमीडिएट की परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 3 फरवरी से 13 फरवरी तक सभी महाविद्यालय में आयोजित हो रही है जिस कारण महाविद्यालय परिसर में आम छात्रों का प्रवेश वर्जित होगा। ऐसे में छात्र कहां जाकर प्रचार प्रसार करेंगे? चुनाव संबंधी जानकारी तक हासिल करना महाविद्यालय परिसर में मुश्किल होगा। विधानसभा, लोकसभा या किसी निकाय का चुनाव प्रचार किसी प्रकार से संभव है, लेकिन छात्र संघ चुनाव का प्रचार प्रसार बिन कॉलेज परिसर में आए संभव नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बार-बार लिंगदोह कमिटी के नियमों को ताक पर रखा जा रहा है, लेकिन आज आम छात्रों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है कि मतदान के दिन ही मतगणना का नियम है जबकि बिहार के अन्य सभी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हो रहे छात्र संघ चुनाव में मतगणना का कार्य मतदान के ठीक एक दिन बाद हुआ है साथ ही साथ पूर्व के छात्र संघ चुनाव में मतदान के दिन मतगणना होने से रात्रि में कॉलेज परिसर में जमकर भीषण हिंसा और अराजकता फैली थी जिसका प्रमाण पूर्णिया कॉलेज, डीएस कॉलेज कटिहार, फारबिसगंज कॉलेज आदि है। अतः दोबारा अराजकता तथा हिंसा ना हो इस कारण मतदान तथा मतगणना का कार्य अलग-अलग दिनों में हो। काउंसिल मेंबर या प्रतिनिधि पद के लिए भी साधारण बहुमत प्रणाली अपनाई जाए अगर एकल संक्रमणीय मत विधि से चुनाव हो तो सभी महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन नितांत आवश्यक है कि इस विधि से मतदान सम्पन्न किया जाए। अनुमंडलीय राजकीय डिग्री महाविद्यालय के छात्रों को अभी तक महाविद्यालय पहचान पत्र निर्गत नहीं किया गया है। कार्यालय से जानकारी मिली है कि सितंबर 2019 से निधि में कोई राशि उपलब्ध नहीं है जिसके वजह से पहचान पत्र देना संभव नहीं है बिना पहचान पत्र के छात्र-छात्राएं चुनाव में कैसे भाग लेंगे? लगभग लगभग सभी अंगीभूत महाविद्यालय इकाई में पहचान पत्र की यही समस्या है जिसे दूर किया जाए। उपरोक्त विषयों को देखते हुए विद्यार्थी परिषद छात्र छात्राओं के हित में छात्र संघ चुनाव के नामांकन तिथि तथा मतदान एवं मतगणना के तिथि को परिवर्तित करने की मांग करती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य शशि शेखर कुमार एवं सुजीत सान्याल (विश्वविद्यालय चुनाव प्रभारी) ने संयुक्त रूप से कहा छात्र संघ चुनाव विद्यार्थी परिषद की वर्षों पुरानी मांग है, लेकिन पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हो रहे छात्र संघ चुनाव में लिंगदोह कमिटी की खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिसे एबीवीपी कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

शिष्टमंडल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शशि शेखर और सुजीत सान्याल, प्रदेश कार्यकारिणी परिषद सदस्य युवराज मेहता, विश्वविद्यालय संगठन मंत्री राजेश श्रीवास्तव एवं जिला संयोजक अभिषेक आनंद शामिल थे। updated by gaurav gupta

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