पूणियां – बिहार के आमलोगो ने नकार जनधिकार पाटीं (लो0) चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आलोक अकेला ने कहा कि बिहार में जल जीवन हरियाली को लेकर बने मानव श्रृंखला सुपर फ्लॉपहो गया और कहा कि आम लोगों ने मानव श्रृंखला मैं कोई रुचि नहीं दिखाई और अपने को अलग रखा मानव श्रृंखला के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपए खर्च कर जनता के पैसे का केवल दुरुपयोग हुआ है । बिहार सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए दिन प्रतिदिन नए-नए तरकीब छोड़ जनता को बेवकूफ बनाने का कार्य कर रही है आज अगर बिहार में विशेष राज्य का दर्जा दिलाने गरीबी मिटा दे बेरोजगारी दूर करने महंगाई कम करने भर्ष्टाचार समाप्त करने आदि को लेकर मानव श्रृंखला बनाई जाती तो दुनिया का सबसे बड़ा मानव श्रृंखला बनता। लेकिन लोगों का नजर भटकाने के लिए यह किया गया है पहले भी सरकार ने शराब बंदी दहेजप्रथा आदि को लेकर मानव श्रृंखला बनाने का कार्य किया था जो फ्लॉप साबित हुआ। मानव श्रृंखला व समीक्षा बैठक के नाम पर गरीबों के रुपए का केवल दुरुपयोग हुआ है। आज बिहार की स्थिति बद से बदतर हो गई है विकास के नाम पर झूठा आईना दिखाया जा रहा है केवल कागजों पर कोरम पूरा कर सरकार अपना आईना चमका रही है मुख्यमंत्री जी का सात निशा योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ है। सुशासन के नाम पर हत्या बलात्कार का दौर जारी है कानून व्यवस्था चौपट हो चुका हैं । मानव श्रृंखला में केवल स्कूल कॉलेज के बच्चों को एवं सरकारी कर्मचारियों को खड़ा कर मानव श्रृंखला बनाने का कार्य किया है। जनता ने नकार दिया सरकार के इस दिखावटी मानव श्रृंखला को। updated by gaurav gupta

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