भरगामा से अंकित सिंह की रिपोर्ट – 

अररिया. जिले के भरगामा एमओ रामकल्याण ने फारबिसगंज एसडीओ पर साधा निशाना,कहा-जांच प्रतिवेदन एसडीओ को सौंपने के बाद भी घोटालेबाज डीलर पर नहीं होती है कार्रवाई,वहीं एसडीओ ने कहा कार्रवाई चल रही है. लेकिन सवाल अब ये उठता है कि भरगामा व फारबिसगंज एमओ द्वारा संयुक्त जांच प्रतिवेदन एसडीओ को करीब एक महीने पहले सौंप दिया गया है फिर भी एसडीओ साहब इन सभी डीलरों को बचाने में क्यों लगे हैं,सवाल गंभीर है. अगर एसडीओ साहब इन सभी डीलरों को बचाने में नहीं लगे हैं तो आखिरकार एक महीना पहले जांच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन मिलने के बावजूद भी अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई. इस तरह के सवाल का जवाब के बदले एसडीओ साहब का एक ही रटा-रटाया जवाब कार्रवाई चल रही है. एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि मैं ना किसी को बचाता हूं ना किसी को फसाता हूं,ए साहब एक बार अररिया जिले के पदाधिकारी पर भी इस तरह का फार्मूले का इस्तेमाल कर दिखाइए. यदि अब भी मामला पूरी तरह से समझ में नहीं आई तो डिटेल में समझिये. पूरा मामला सिमरबनी पंचायत के जन वितरण प्रणाली विक्रेता वीरेंद्र कुमार मंडल,सिरसिया कला पंचायत के जन वितरण प्रणाली विक्रेता सलेहा खातून व शंकरपुर पंचायत के पैक्स गोदाम से जुड़ा हुआ है. आपको बता दें कि सिमरबनी पंचायत में 17 अगस्त को जन वितरण प्रणाली विक्रेता वीरेंद्र कुमार मंडल अनुज्ञप्ति संख्या 26BH/2016 एफ पी एस आई डी 120900200259 का भौतिक सत्यापन भरगामा एमओ रामकल्याण द्वारा किया गया. भौतिक सत्यापन के क्रम में उक्त आईडी में एन एफ एस ए एवं पी एम जी के ए वाय दोनों योजना मिलाकर गेहूं का कुल मात्रा 90.56 क्विंटल तथा चावल 228.61 क्विंटल दर्ज है. जबकि विक्रेता के भंडार गृह (गोदाम) में 78 बोरा में गेहूं 39 क्विंटल तथा चावल 428 बोरा में 214 क्विंटल पाया गया. मालूम हो कि प्रति बोरा का वजन 50 किलोग्राम के दर से घटाने पर विक्रेता के गोदाम में 51.50 क्विंटल गेहूं एवं 14.50 क्विंटल चावल की कमी पायी गयी. जो भरपूर मात्रा में कालाबाजारी को दर्शाने के लिए काफी है. आपको बता दें कि भरगामा एमओ राम कल्याण ने अपने पत्रांक संख्या 225 में एसडीओ को बताया है कि खाद्यान्न जप्त करने के क्रम में विक्रेता के लड़कों के द्वारा मेरे बैग से ई-पॉश मशीन,आई रिस स्कैनर छीन लिया गया. एवं मेरे साथ विक्रेता के लड़कों के द्वारा दुर्व्यवहार भी किया गया. एमओ ने उपरोक्त तथ्य के आलोक में जन वितरण प्रणाली विक्रेता विरेंद्र कुमार मंडल अनुज्ञप्ति संख्या 26BH/2016 पर विधि सम्मत अग्रेत्त़र कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.

वहीं सिरसिया कला पंचायत के जन वितरण प्रणाली विक्रेता सलेहा खातून अनुज्ञप्ति संख्या 40BH/2016 का जांच 22 अगस्त को एमओ राम कल्याण द्वारा किया गया. जांच के क्रम में वृहत मात्रा में चावल,गेहूं का अंतर पाया गया. आपको बता दें कि एमओ के पत्रांक संख्या 230 के अनुसार जन वितरण प्रणाली विक्रेता सलेहा खातून ने अपने गोदाम से 55.15 क्विंटल गेहूं व 20.28 क्विंटल चावल की कालाबाजारी कर दी है. जो बिहार लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के प्रावधानों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट याचिका 196/01 में पारित न्यायादेश के उल्लंघन को दर्शाता है. जिसके आलोक में उनके गोदाम को सील करते हुए उनके ई-पॉश मशीन को जप्त कर लिया गया. मालूम हो कि जन वितरण प्रणाली विक्रेता सलेहा खातून पति फजलुरहमान सिरसिया कला पंचायत के वार्ड संख्या 03 निवासी ने अपने द्वारा लिखित बयानों में भी अपने गोदाम में अनाज की कमी को स्वीकारी है.

प्राप्त जानकारी अनुसार प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी फारबिसगंज व प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी भरगामा द्वारा भवदीय आदेश ज्ञापांक 305 के आलोक में 01 सितंबर को जन वितरण प्रणाली के विक्रेता सलेहा खातून एफ पी एस आई डी 120900200304 के दुकान के विक्रेता के पुत्र सवाब अनुबर पिता मोहम्मद फजुल रहमान एवं अन्य स्थानीय लोगों के समक्ष सील तोड़ कर भौतिक सत्यापन किया गया. जिसमें गेहूं 41 बोरा (20.50 क्विंटल) तथा चावल 440 बोरा (220 क्विंटल) तथा खाली बोरा 31 एवं इलेक्ट्रॉनिक तराजू पाया गया. ज्ञात हो कि संयुक्त जांच प्रतिवेदन पत्रांक संख्या 676 में एमओ द्वारा बताया गया है कि 22 अगस्त को विक्रेता का भौतिक सत्यापन के पश्चात सील कर दिया गया था और 01 सितंबर को संयुक्त भौतिक सत्यापन के पश्चात खाद्यान्न में अधिक मात्रा में अंतर पाया गया. आपको बता दें कि पत्रांक में साफ-साफ लिखा गया है कि अग्रेत्त़र कार्रवाई हेतु गोदाम का सील खोलकर गोदाम में उपलब्ध खाद्यान्न को दूसरे विक्रेता को जिम्मेनामा पर देना था,किन्तु विक्रेता पुत्र मिनहाज आलम एवं अन्य स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध किया गया तथा सरकारी कार्यों में व्यवधान उत्पन्न किया गया. स्थानीय लोगों की भीड़ एवं विरोध के कारण विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गया. तत्पश्चात भवदीय से दूरभाष पर वार्ता के आलोक में गोदाम को पुनः सील कर दिया गया. व अग्रेत्त़र कार्रवाई की अनुशंसा की गयी.

वहीं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी फारबिसगंज एवं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी भरगामा द्वारा भवदीय आदेश के आलोक में संयुक्त रूप से भरगामा प्रखंड स्थित शंकरपुर पैक्स गोदाम का 01 सितंबर को भौतिक सत्यापन किया गया. भौतिक सत्यापन के क्रम में ई-पॉश भंडार पंजी के अनुसार खाद्यान्न की मात्रा में काफी अंतर पाया गया. आपको बता दें कि ई-पॉश मशीन के अनुसार गेहूं का मात्रा 21.52 क्विंटल था. लेकिन भंडार के भौतिक सत्यापन में 15.50 क्विंटल प्राप्त हुआ. यानी कि 6.02 क्विंटल कम पाया गया. वहीं ई-पॉश भंडार पंजी के अनुसार चावल 109.27 क्विंटल था लेकिन भंडार के भौतिक सत्यापन में 151.00 क्विंटल पाया गया यानी कि 41.73 क्विंटल अधिक पाया गया. मालूम हो कि संयुक्त जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा गया है कि शंकरपुर पैक्स संचालक के मनमाने कार्यकलाप एवं दोषपूर्ण वितरण व्यवस्था के साथ बिहार लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के प्रावधानों के उल्लंघन को दर्शाता है. प्रतिवेदन में ये भी लिखा गया है कि पैक्स गोदाम पैक्स अध्यक्ष के निजी आवास के प्रांगण में संचालित हो रहा है जो बिल्कुल जर्जर स्थिति में है. यह सरकारी मानक के अनुरूप नहीं है एवं खाद्यान्न गोदाम में सड़ रहा है. अब लाभुकों के सवाल के घेरे में एसडीओ साहब है कि आखिरकार इतनी कालाबाजारी भरगामा में बढ़ने के बाद भी साहब को गहरी निंद्रा में सोना कहां से जायज है. ए एसडीओ साहब यह तो आपके भ्रष्टाचारी को दर्शाता है।

updated by gaurav gupta 

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