बनमनखी(पूर्णियां) – बनमनखी नगर परिषद निवासी श्रीमती सीता देवी ने बनमनखी थाने में दर्ज मुकदमे का उच्च स्तरीय एवं गहन जांच की पुलिस प्रशासन से मांग की है। उन्होंने लिखे आवेदन में कहा कि मेरे पुत्र शिव शंकर तिवारी को बनमनखी अनुमंडल अस्पताल के द्वारा राजनितिज्ञों के प्रभाव में आकर झूठा एवं बेबुनियाद साक्ष्यहीन आरोप लगाकर बेवजह परेशान करने की साजिश के तहत फसाया गया। मेरा पुत्र विश्व हिंदू परिषद बनमनखी का प्रखंड अध्यक्ष है एवं सामाजिक कार्यकर्ता है जो हमेशा सामाजिक हित एवं धार्मिक तथा संस्कृतिक कार्यों में लगा रहता है इनकी लोकप्रियता से घबराकर इनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी इन्हें बनमनखी नगर परिषद के सभापति पद का भावी प्रत्याशी मानकर इन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत साजिश पूर्वक फसाया गया। ताकि ये अपने उम्मीदवारी नहीं दे सके। मेरा पुत्र अनुमंडल अस्पताल बनमनखी के किसी भी पदाधिकारी या कर्मी से रंगदारी मांगने या अवैध उगाही करने का कार्य नहीं किया है ना अस्पताल बेवजह बराबर गया है। मेरा पुत्र किसी भी कर्मी या पदाधिकारी को धमकी या जातिसूचक शब्द का प्रयोग नहीं किया है इस बात की जांच अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज और वहां के समान्य व्यक्तियों से पूछताछ कर जांच की जा सकती है। मेरे पुत्र शिव शंकर तिवारी के ऊपर कभी भी किसी भी आपराधिक घटना का मुकदमा किसी भी थाने में दर्ज नहीं है इनका कोई अपराधिक चरित्र नहीं रहा है। बनमनखी अनुमंडल अस्पताल मैं बढ़ती जा रही अनियमितता एवं लापरवाही तथा सुविधा के अभाव में बनमनखी के सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं राजनीतिज्ञों व्यक्ति के द्वारा सिविल सर्जन का पुतला दहन किया गया था साथ ही अस्पताल संबंधित कुव्यवस्थाओं एवं पदाधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को मीडिया के समक्ष रखी गई थी। जो कई समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ। पुतला दहन एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित अनियमितता एवं लापरवाही की बात से सिविल सर्जन एवं बनमनखी के चिकित्सा पदाधिकारी काफी आहत एवं क्रोधित होकर एक साजिश के तहत लोगों के आवाज को दबाने के लिए झूठा एवं बेबुनियाद आरोप लगाकर पांच दिन बाद मुकदमा दर्ज कराया गया है। बिहार सरकार एवं पुलिस प्रशासन से इसकी उच्च स्तरीय एवं गहन जांच करने की मांग की हैै। ताकि कोई बेगुनाह किसी के साजिस का शिकार होकर दंडित ना हो।

ब्यूरो रिपोर्ट अनुभवी आंखे

 

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