श्रीनगर/ जम्मू: खराब मौसम के बावजूद अमरनाथ की पवित्र गुफा में कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को 6,000 से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. वहीं रास्ते में पत्थर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.
2,481 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था जम्मू से 66 गाड़ियों में यात्रा के दो आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ. इस जत्थे में 1638 पुरुष, 663 महिलाएं और 180 साधु शामिल हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की पहरेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मी कर रहे हैं.
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, आसमान में बादलों के बीच यात्रा गुरुवार की सुबह पहलगाम और बालटाल के दो मार्गों के जरिए शुरू हुई. उन्होंने कहा कि 6097 श्रद्धालुओं ने पहले दिन 3,880 मीटर ऊंचाई पर पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बाबा बर्फानी के दर्शन किए. उन्होंने कहा कि इस साल अमरनाथ यात्रा पिछले साल के 48 दिनों की तुलना में आठ दिन कम होगी और यह सात अगस्त को श्रवण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) को खत्म हो जाएगी.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा गुफा मंदिर में पहुंचने वाले शुरुआती लोगों में शामिल थे. वह यात्रा के मामलों का प्रबंध करने वाले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में दर्शन किए और प्रथम पूजा समारोह में हिस्सा लिया. वोहरा ने राज्य में शांति, मेल, प्रगति और समृद्धि की प्रार्थना की.
प्रवक्ता ने कहा कि पत्थर गिरने से जम्मू के अफगाना मोहल्ले के रहने वाले भूषण कोटवाल की मौत हो गई. वह सुबह छह बजकर 20 मिनट पर बालटाल मार्ग पर रेलपथरी और ब्रारीमार्ग के बीच से मंदिर जा रहे थे.