छातापुर(सुपौल) प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के मस्जिदों में शुक्रवार को रमजान उल मुबारक की अंतिम नमाज पढ़ी गई। इस दौरान छातापुर प्रखंड क्षेत्र के मदरसा और मस्जिदों में मुस्लिम भाइयों द्वारा नमाज अदा की गई। वहीं रोजेदारों समेत अन्य मुस्लिम धर्मावलंबियों ने अल्लाह ए ताला से रहमतों की बारिश की दुआएं मांगी। जोहर सवा एक बजे मुख्य जामा मस्जिद में इमाम द्वारा अलविदा की नमाज पढ़ी गई। इसके अलावा लक्ष्मीनियाँ पंचायत के सुभान चौक स्थित मस्जिद, खड़ी टोला स्थित मस्जिद, बरमोतरा स्थित मस्जिद आदि जगहों में अलविदा की नमाज अदा की गई। मधुबनी स्थित मदरसा मस्जिद में सभी मस्जिदों की अपेक्षा सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ी। मदरसा मस्जिद के इमाम ने बताया कि अलविदा की नमाज का विशेष महत्व है। इस दिन पाक तौर से अल्लाह व इसके रसूल से दुआ करने पर बंदे की मन्नतें पूरी होती हैं। दोपहर में अलविदा की नमाज के वक्त पूरे इलाके में सन्नाटा छाया हुआ था। वहीं ललितग्राम स्थित जामा मस्जिद में नमाज अदा करा रहे इमाम ने कहा कि रमजान के दौरान रोजा ना रखना बहुत बड़ा गुनाह है। रोजे की अहमियत और अधिक इसलिए है कि इसमें अमीर और गरीब को एक समान माना गया है और सबके लिए एक जैसा ही रास्ता बताया गया है। आगे उन्होंने कहा कि इस दौरान अमीर मुस्लिम रोजा रखकर भूख की शिद्दत को जान सके और किसी गरीब की अहमियत को पहचान सके। इस दौरान रमजान के अंतिम जुम्मे की लेकर शुक्रवार सुबह से ही मस्जिदों में चहल पहल और रौनक थी। जुम्मातुल विदा के मौके पर मुस्लिम भाइयों के चेहरों पर मायुसी व आंखों से आंसू झलकते नजर आए। गमगीन मोमीन भाइयों ने एक साथ खुदा की बारगाह में अपनी नम आंखों से इबादत करते हुए अपने गुनाहों की माफी मांगी और देश की खुशहाली, अमनों-अमान, आपसी भाईचारा की दुआएं की। रिपोर्ट – संजय कुमार भगत, updated by gaurav gupta