छातापुर(सुपौल) – प्रखंड कालौनी प्राइमरी स्कूल प्रांगण में मंगलवार को बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता सुनील कुमार सिंह ने की। प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने कहा कि समान कार्य समान वेतन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्तिद्वय द्वारा दिये गए फैसले से जहाँ लाखों शिक्षकों की परेशांनी बढ़ गयी है। वही बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर होना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के निजीकरण को बल मिलेगा।जिससे गरीब मजदूर,किसान के बच्चें शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बड़ी चालाकी से समाज के कमजोर तबके को शिक्षा से वंचित करने का योजना तैयार कर रही है। जिसे शिक्षक संघ कभी सफल नही होने देंगे। बताया कि सुप्रीम कोर्ट का यह एक ऐसा न्याय निर्णय है,जो नियोजित शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय को स्वीकार करने के बावजूद भी सरकार को शोषण की खुली छूट देती है। कहा कि इस तरह के न्याय निर्णय से न्याय की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा होना भी तय है । वही संघ के अन्य शिक्षकों ने भी अपनी बात रखते हुये कहा कि आजादी के 72 साल बाद भी भारत का सबसे बड़ा न्यायालय समान कार्य का समान वेतन के सिद्धांत को लागू कराने से सरकार पीछे हटने का काम किया है।शिक्षकों ने कहा कि कि फैसले से शिक्षक हारा नही, बल्कि उन्हें सरकार ने साजिश के तहत हराया है। कहा कि आचार संहिता खत्म होते ही बिहार के लाखों शिक्षक सरकार के साजिश के खिलाफ उग्र आन्दोलन कर अपना जायज अधिकार लेके रहेंगे । बैठक में 2 जून को पटना स्थित संघ कार्यालय में राज्यव्यापी बैठक आहुत किया गया है। जिसमें सुनियोजित रणनीति के तहत आन्दोलन का शंखनाद कर शिक्षा और शिक्षक विरोधी सरकार की विदाई करने की रूप रेखा तैयार की जाएगी। मौके पर जिला उपाध्यक्ष प्रेम पाठक, प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार, रईस आलम, बिनोद यादव, दीनबंधु सुमन, राजीव कुमार झा, रंधीर कुमार, कृष्ण मोहन राम, मनोज कुमार, मो. मोईद्दीन, श्यामनारायण साह, देवनारायाण यादव आदि मौजूद थे । रिपोर्ट – संजय कुमार भगत, updated by gaurav gupta

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