मधेपुरा : हमने बीएनएमयू को राष्ट्रीय ख्याति दिलाने का सपना देखा है। हमार सपना है कि हमारे शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी गर्व से कह सकें कि हम बीएनएमयू के हैं और बीएनएमयू हमारा है। यह बात कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे अधिषद् के 19 वें अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि हम उस सपने को साकार करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं और इसमें हमें सफलता भी मिल रही है। सीमित संसाधनों एवं प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हम जो कुछ भी कर पाए हैं, वह बिहार के महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन के अमूल्य मार्गदर्शन और आप सभी के सहयोग से ही संभव हो पाया है। हम चाहते हैं कि शिक्षा के चारों स्तंभ शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं अभिभावक विश्वविद्यालय के समग्र विकास हेतु कृतसंकल्पित हों। विभिन्न स्तरों पर सक्रिय राजनेताओं, छात्र-प्रतिनिधियों, व्यावसायियों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों एवं पत्रकारों से भी इस ज्ञान-यज्ञ में सहयोग अपेक्षित है। हम सभी मिलकर बीएन मंडल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय के समकक्ष ले जाने हेतु प्रयास करें। अपनी-अपनी क्षमताओं का साकारात्मक उपयोग करें और विश्वविद्यालय को अपनी सर्वोत्तम सेवा दें। हम केवल यह नहीं सोचें कि इस विश्वविद्यालय ने हमारे लिए क्या किया, बल्कि यह भी सोचें कि हम इस विश्वविद्यालय के लिए क्या कर सकते हैं।”
अंधेरे को कोसने की बजाय एक दीप जलाएँ
कुलपति ने कहा कि हम इस विश्वविद्यालय के हित में जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करना शुरू करें, आज शुरू करें, अभी शुरू करें। हम अंधेरे को कोसने की बजाय एक दीप जलाएँ। हम सब एक-एक दीप जलाएंगे, तो एक बड़ी दीपमाला बनेगी, अंधेरे दूर हो जाएँगे और चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलेगा। फिर हमारे विश्वविद्यालय के बारे में सकारात्मक धारणा बनेगी और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी नई पहचान कायम होगी। यही हमारा एक मात्र मकसद है। महाकवि जयशंकर प्रसाद के शब्दों में, “इस पथ का उद्देश्य नहीं है, श्रांत भवन में टिक रहना। किन्तु पहुँचना उस सीमा पर, जिसके आगे राह नहीं है। जिसके बाद कुलपति ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
नियम-परिनियम के अनुरूप लोकतांत्रिक तरीके से काम
हम सभी काम लोकतांत्रिक ढंग से नियम एवं परिनियमों के अनुरूप करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए सभी काम सम्बन्धित समितियों एवं निकायों की सहमति से किये जा रहे हैं। सीनेट, सिंडिकेट, एकेडमिक काॅउंसिल, परीक्षा-समिति, विकास-समिति, वित्त-समिति, भवन-निर्माण समिति, क्रय-विक्रय समिति आदि की बैठकें नियमित रूप से हो रही हैं। हम सभी समस्याओं का ‘ऑन द स्पाॅट’ समाधान करने में विश्वास करते हैं। सभी विभागों को तीन दिनों के अन्दर संचिकाओं के निष्पादन हेतु आदेश दिए गए हैं। विश्वविद्यालय में बिहार सरकार की वित्तीय नियमावली के अनुरूप सामग्रियों का क्रय जेम के माध्यम से किया जा रहा है।
नैक से मूल्यांकन को प्राथमिकता
हम अपने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु इसका नैक से मूल्यांकन कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। जल्द ही नैक मूल्यांकन के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। हम अपने विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले सभी अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों का भी नैक से मूल्यांकन कराने हेतु प्रयासरत हैं। हमने विगत एक वर्ष 06 महाविद्यालयों को नैक से मान्यता दिलाने में सफलता पाई है। अन्य काॅलेजों में नैक से मल्यांकन की तैयारी चल रही है।
शिक्षकों का पदस्थापन एवं प्रोन्नति
शिक्षकों को नियमानुकूल प्रोन्नति का लाभ देने की प्रक्रिया जारी है। विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदाकर्मियों को स्थाई किया गया है। शिक्षकेत्तर कर्मियों के लाभार्थ एसीपी एवं एमएसीपी लागू किया जा चुका है। पेंशन अदालत लगाकर सेवानिवृत्त, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं का ‘ऑन द स्पाॅट’ समाधान किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सेवा निवृत्त लाभांश का भुगतान अद्यतन हो चुका है तथा वेतन एरिअर एवं पेंशन एरिअर के भुगतान करने की प्रक्रिया चल रही है। 80 प्रतिशत अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पीपीओ जारी हो चुका है।
पठन-पाठन पर जोर
हम सभी विश्वविद्यालय में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।निर्धारित समयावधि का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस हेतु लगातार औचक निरीक्षण किए जा रहे है। सभी कार्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में ‘बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम‘ की शुरूआत हो चुकी है। प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र एवं रीमेडियल कोचिंग सेंटर को सक्रिय किया गया है। हम चाहते हैं कि हमारे पूरे विश्वविद्यालय में जीवंत शैक्षणिक वातावरण बने। इसके लिए नियमित रूप से सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जा रहा है। बीएसएस काॅलेज सुपौल में ‘बैंबू प्लांट टीसू कल्चर लैब’ का उद्घाटन हुआ। जनवरी 2018 में मनोविज्ञान विभाग में एक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी तथा निकट भविष्य में केन्द्रीय पुस्तकालय में 30 दिवसीय कार्यशाला होने वाली है और आगे हम वर्ष 2019 में दर्शन परिषद्, बिहार का 42 वां वार्षिक अधिवेशन भी आयोजित करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने बड़ी-बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। कुछ शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एवं प्रांतीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
रजत जयंती समारोह
फरवरी 2019-फरवरी 2020 तक रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत 26 फरवरी को उच्च शिक्षा के बदलते परिदृश्य एवं चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। मार्च में प्रीपीएचडी टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। हम सत्र नियमित करने हेतु भी कृत संकल्पित हैं। पिछले एक वर्ष में कुल 89 परीक्षाएँ आयोजित की गईं, उनमें से 80 का परीक्षाफल प्रकाशित हो चुका है। शेष 09 परीक्षाओं का परीक्षाफल इस माह के अंत तक प्रकाशित कर दिये जाएँगे। इस तरह हम दिसंबर 2018 तक सत्र नियमितिकरण हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से परीक्षा कैलेंडर एवं एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिए गए हैं। पूर्णियाँ विश्वविद्यालय के क्षेत्राधीन महाविद्यालयों की परीक्षा लेने में कुछ बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। इसके बावजूद हम प्रयत्नशील हैं कि ससमय परीक्षा आयोजित की जाए और त्रुटिरहित परीक्षाफल प्रकाशित हो। परीक्षाओं के आयोजन के लिए इस परिसर में परीक्षा-भवन को आधुनिक तकनिकी उपकरणों के साथ सुसज्जित किया जा रहा है और वहाँ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।
नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत
विश्वविद्यालय मुख्यालय में बीलिस एवं एमलिस की पढ़ाई शुरू की गई है। विश्वविद्यालय स्तर पर बीएड, एमएड की पढ़ाई के लिए एनसीटीई द्वारा स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। अगले सत्र-(2019-20) से पढ़ाई शुरू की जाएगी। एमसीए एवं एमबीए की पढ़ाई शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। इनके पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय के विभिन्न समितियों से स्वीकृति प्राप्त कर अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु राजभवन भेजा जा रहा है। हम विश्वविद्यालय स्तर पर प्राचीन इतिहास, संगीत, मानवशास्त्र आदि की पढ़ाई प्रारम्भ करने के लिए प्रयासरत् हैं। इनमें कई विषयों के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव भेजा जा चुका। कई अन्य पाठ्यक्रमों, यथा-गाँधी विचार में स्नातकोत्तर, पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिप्लोमा की पढ़ाई प्रक्रियाधीन है। हम शिकायतों के त्वरित निष्पादन हेतु प्रतिबद्ध हैं। इस हेतु शिकायत निवारण कोषांग (ग्रिवांस सेल) को सक्रिय किया गया है। करीब 700 लंबित वादों में अधिकांश का निष्पादन हो चुका है। सीडब्ल्यूजेसी में 168, एलपीए में 05 और एमजेसी में 78 वाद शेष हैं जिनके निष्पादन की प्रक्रिया जारी है। महाविद्यालयों में भी शिकायत निवारण कोषांग के गठन हेतु निदेश दिये गए हैं।
नार्थ कैम्पस एवं साउथ कैम्पस
कुलपति के रूप में योगदान करने के महज कुछ दिनों बाद अपने नए प्रतिकुलपति के साथ हमने सबैला स्थित विश्वविद्यालय के नये नाॅर्थ कैम्पस में विज्ञान संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय का स्थानान्त किया गया है। शीघ्र ही मानविकी के विषयों को स्थानान्तरित किया जाएगा। इस परिसर के सौंदर्यीकरण के कार्य जारी हैं। शिक्षक, छात्र और कर्मचारियों की सुविधा के लिए जल, विद्युत और संचार की व्यवस्था की गई है। नाॅर्थ कैंपस में आडिटोरियम और सभागार के निर्माण हेतु हम संकल्पबद्ध हैं। इनके लिए हम डीपीआर बनाकर सरकार को भेज चुके हैं। हम सभी विद्यार्थियों एवं कर्मियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय कार्यक्रम और राजभवन के निर्देशों के आलोक में सभी महाविद्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों एवं विश्वविद्यालय-परिसर में महिलाओं हेतु वाॅशरूम एवं काॅमनरूम की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साउथ कैंपस में वर्षों से बन्द पड़े जीम को चालू किया गया है। साउथ कैम्पस में एक बालीवाॅल कोर्ट एवं एक और बैंडमिन्टन कोर्ट बनाया गया है और साइकिल एवं मोटर साईकिल स्टैंड बनाया गया है। महिला छात्रावास को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। नए परिसर में छात्राओं के आवागमन के लिए मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र क सांसद के सौजन्य से एक बस की सुविधा उपलब्ध है।
खेल-कूद को बढ़ावा
पठन-पाठन के साथ-साथ खेल-कूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। ‘स्पोर्टस कलेन्डर’ जारी कर दिया गया है। विभिन्न खेलों की अंतर महाविद्यालयी प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई है। इस विश्वविद्यालय की टीम ने पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय-प्रतियोगिता में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। क्रीड़ा क्षेत्र में विश्वविद्यालय की एक विशिष्ट पहचान बनी है। राजभवन के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव के बाद छात्र संघ चुनाव कराया जाएगा। खेलकूद पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एकलव्य एवं तरंग में विश्वविद्यालय का प्रदर्शन सराहनीय रहा। एनएनएसएस एवं एनसीसी को सक्रिय किया गया है। आपदा प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया और युवा संसद के लिए प्रतिभागियों का चयन हुआ। हमने सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखकर बाल विवाह एवं दहेज विरोधी मानव श्रंखला में भाग लिया है। विश्व योग दिवस का आयोजन किया गया है। राजभवन के ‘हर परिसर हरा परिसर’ के संदेश से प्रेरित होकर वन महोत्सव का आयोजन किया गया।
जनसंपर्क
हमारा जनसंपर्क तंत्र काफी मजबूत है। हमारे बेवसाइट bnmu.ac.in पर विश्वविद्यालय का ‘विजन’ एवं ‘मिशन’ सहित सभी आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध हैं। वेबसाइट के अलावा बीएनएमयू के फेसबुक पेज पर भी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्रसारित की जाती हैं। यहाँ विश्वविद्यालय में जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) विश्वविद्यालय की सूचनाओं के साथ शैक्षिक, प्रशासनिक, सांस्कृतिक आदि कार्यक्रमों की सूचना प्रकाशित एवं प्रसारित करते हैं, जिससे जनसम्पर्क को गति मिलती है और विद्यार्थियों सहित सभी संबंधित व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है। यहाँ से हमें विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के शिकायत एवं सुझाव भी प्राप्त हो रहे हैं। हम उन शिकायतों का त्वरित निष्पादन करते हैं और जरूरी सुझावों पर अमल भी करने का प्रयास करते हैं। हम ‘राजभवन संवाद’ की तर्ज पर एक पत्रिका ‘बीएनएमयू संवाद’ का प्रकाशन किया गया है। प्रत्येक तीन माह में इसका नियमित रूप से प्रकाशन किया जाएगा।
शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी को दी गई श्रद्धांजलि
इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। रमेश झा महिला काॅलेज की छात्राओं ने कुलगीत एवं स्वागत गान प्रस्तुत किया। प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने बजट भाषण प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम कुलसचिव ने कौरम पूर्ति की घोषणा की। सभी सदस्यों ने भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। डा जवाहर पासवान ने अधिषद् की प्रथम कार्यसूची प्रस्तुत की और गत बैठक की कार्रवाई के अनुमोदन का प्रस्ताव दिया। डा शिवमुनि यादव ने गत बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा अशोक कुमार ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा केपी यादव ने आय-व्यय का लेखा प्रस्तुत किया। प्रो डा फारूक अली ने बजट प्रस्तुत किया। डा परमानंद यादव ने विभिन्न निकायों एवं समितियों के कार्यवृत का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा राजाराम प्रसाद ने शोक प्रस्ताव रखा। अंत में राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन…’ के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसके बाद गत तीन फरवरी 2018 को अभिषद् के 18वें अधिवेशन के बाद से दिवंगत शिक्षक, शिक्षकेतल कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्णांडिस, सुप्रसिद्ध आलोचक डा नामवर सिंह आदि के नाम शामिल हैं। पुलवामा एवं अन्य जगहों पर शहीद जवानों को विशेष रूप से श्रद्धांजलि दी गई। सबों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।
कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने किया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति डा जयकृष्ण प्रसाद यादव, विधायक डा नीरज कुमार सिंह बबलू, विधान पार्षद नूतन सिंह, डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव, विज्ञान संकायाध्यक्ष डा अरूण कुमार मिश्र, मानविकी संकायाध्यक्ष डा ज्ञानंजय द्विवेदी, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डा लम्बोदर झा, सिंडीकेट सदस्य डा परमानंद यादव, डा जवाहर पासवान, सिनेटर डा नरेश कुमार आदि उपस्थित थे।
विभिन्न सदस्यों द्वारा उठाए गए सवाल
डा नरेश कुमार ने कहा कि जिन 23 विषयों में स्नातक की पढ़ाई होती है, उन सबों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू हो। डा कमलेश कुमार ने कहा कि सभी नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के वेतन एरियर का भुगतान किया जाए। डा अरूण कुमार ने कहा कि दस दिन का चिकित्सा अवकाश दिया जाए। नूतन सिंह ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जाए। नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि हम टारगेट लें कि सरकारी संस्थानों के विद्यार्थी भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। आज जो भीड़ कोचिंग में है, वह हमारे कालेजों एवं स्नातकोत्तर विभागों में भी हो। डा देवानंद झा ने कहा कि जो प्रोन्नति में छूट गए उनपर भी ध्यान दिया जाए। डा शैलेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि अविलंब सिंडीकेट का चुनाव कराया जाए। मनीषा रंजन ने कहा कि शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय खोला जाए। खेल पदाधिकारी के पद पर स्थायी नियुक्त हो। प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि अनुकंपा समिति की वर्ष में दो बैठक हो। डा विपीन कुमार सिंह ने कहा कि सभी शिक्षकों को पीएचडी इंक्रीमेंट का लाभ दिया जाए। उन्होंने बजट की विसंगतियों को भी रेखांकित किया। कुलपति ने कहा कि सबों के सुझावों पर ध्यान दिया जाए। त्रुटियों एवं कमियों को सुधारा जाएगा।
विभिन्न जिम्मेदारियां
वित्त प्रबंधन की जिम्मेदारी एफए सुरेश चंद्र दास एवं एफओ डा एमएस पाठक ने निभाई। प्रोसिडिंग्स लेखन की जिम्मेदारी पीआरओ डा सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव एवं हेमंत कुमार ने निभाई। इवेंट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी डा एमआई रहमान, डा अबुल फजल, डा शंकर कुमार मिश्र, पृथ्वीराज यदुवंशी एवं बिमल कुमार ने निभाई। भोजन व्यवस्था डा अशोक कुमार सिंह एवं ललन प्रसाद अद्री ने जिम्मे थी। रिपोर्ट – चंचल कुमार, updated by gaurav gupta