गया(संवावदाता धीरज गुप्ता) – बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के प्रसार हेतु जनप्रतिनिधियों के साथ जिला स्तरीय बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई इस बैठक में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नरेश झा द्वारा इस अधिनियम के संबंध में जनप्रतिनिधियों को विस्तृत
जानकारी दी गई तथा इसके लाभ से अवगत कराया गया है उन्होंने कहा कि अब तक जिला एवं अनुमंडल स्तर पर प्राप्त लगभग सभी मामलों का निष्पादन किया जा चुका है केवल 41 मामले निष्पादन हेतु जिला स्तर पर चल रहे हैं और जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहे कि इस कार्यशाला का उद्देश्य है कि आप सभी हमारे सिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंग हैं और आपके माध्यम से अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक इसे पहुंचाया जा सकता है उन्होंने कहा कि शुरुआत में बहुत सारे लोगों को इस अधिनियम के बारे में जानकारी नहीं थी।दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहुंच नहीं थी और लोगों को लगता था कि जब तक डीएम,एसडीएम से नहीं मिलेंगे तब तक काम नहीं होगा और कई मामलों में वे जब तक डीएम से नहीं मिलते थे तब तक संतुष्ट नहीं होते थे इस तरह की कई बातें थी और पूरे भारतवर्ष में यह एक अद्वितीय व्यवस्था बिहार में लागू की गयी है लोग पहले डीएम के जनता दरबार में, मुख्यमंत्री के जनता दरबार में बार-बार एक ही मामले को लेकर जाते थे लेकिन सबका काम नहीं हो पाता था वहां यह भी नहीं बताया जाता था कि काम हो सकता है या नहीं और साथ ही जनता के पास आवेदन देने का कोई प्रमाण नहीं रहता था एक ही काम के लिए अनेक कार्यालयों में बार बार चक्कर लगाना पड़ता थाऔर अनेक अधिकारियों से मिलना पड़ता था और लेकिन इस अधिनियम के आ जाने से इन सभी बातों से आवेदक को मुक्ति मिल गई है सरकार द्वारा प्रयास किया गया है कि आवेदक को उसके घर के आस-पास ही उसकी समस्या का समाधान किया जा सके और इसलिए इसे अनुमंडल स्तर पर स्थापित किया गया है इस अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकार और परिवादी आमने सामने रहते हैं और अपनी अपनी बातें कहते हैं इस प्रकार आवेदक को एक प्रकार से बराबरी का मौका दिया जाता है जनता दरबार में सक्षम प्राधिकार को पत्र भेजा जाता था परिवादी कार्य कराने वाले सक्षम प्राधिकार से मिल नहीं पाते थेऔर उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था 2016 में शुरू की गई है अभी भी सभी लोगों को इसकी जानकारी नहीं है इसमें परिपक्वता आने में समय लगेगा और उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर प्रत्येक सोमवार को लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों के निष्पादन की समीक्षा होती है और महीने में दो बार संबंधित पदाधिकारी के साथ बैठक भी की जाती है समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि 10% मामले ही अपील में आ रहे हैं यानी 90% आवेदक कृत कार्रवाई से संतुष्ट हैं अपील में मामले आने पर यह देखा जाता है कि कार्रवाई नियमानुसार की गई है या नहीं और साथ ही कृत कार्रवाई के साक्ष्य भी लिए जाते हैं और उन्होंने कहा कि लंबित मामलों का उच्चतम स्तर पर समीक्षा की जाती है लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में मामलों को लाने के कई फायदे हैं पहला आपके पास प्रमाण रहेगा,दूसरा आपके आवेदन का एक अभिलेख रहता है,तीसरा इसे लेकर आप उच्च स्तर पर अपील में जा सकते हैं और इस अधिनियम के अंतर्गत सभी पदाधिकारियों पर जवाबदेही निर्धारित की गई है साथ ही इसके माध्यम से जिलाधिकारी को भी क्षेत्र का फीडबैक मिल जाता है उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि जो व्यक्ति इस अधिनियम के तहत अपना परिवाद ला रहा है उसका निष्पादन नियमानुसार हो जाए और उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि आप अपने क्षेत्र में जनता से सीधे जुड़े रहते हैं दूरस्थ क्षेत्रों में अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को इससे अवगत करावें और उन्होंने यह भी अपील की कि राजनैतिक लाभ के लिए या बिचौलियों के द्वारा इसका उपयोग न किया जाए इसपर भी नजर रखा जाए और उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पटना जिला के बाद गया जिला में ही सर्वाधिक मामलों का निष्पादन किया गया है इस बैठक में नगर आयुक्त नगर निगम गया,जिला परिषद अध्यक्ष,नगर निगम एवं नगर निकाय के सदस्य एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।updated by gaurav gupta