कांडी(झारखंड) –– प्रखंड के रानाडीह पंचायत के लोगों ने निकाला विशाल कलश यात्रा।श्रद्धालुओं ने मां सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल तक पैदल यात्रा दूरी तय किए। परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ पालकी का उपयोग करते हुए ढोल,सिंघा आदि बाजे गाजे के साथ धूम धाम से भक्ति में झूमते हुए देखे गए श्रद्धालु।सप्तमी तिथि को सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल के निकट पवित्र नदी से अभिमंत्रित जल भरा गया।पुनः दुर्गा मंडप पहुंच कलश स्थापना किया गया।इस तरह कलश यात्रा में राणाडीह पंचायत के मुखिया-कृष्णा दास के साथ भारी संख्या में लोगों ने कलश यात्रा में शामिल हुए।मौके पर-मुखलाल शर्मा,लालू साह, परमेश्वर मेहता,राजकुमार लाल सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
बताते चलें कि अश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी में दुर्गा के सातवें स्वरूप के रूप में कालरात्रि की पूजा व उपासना की जाती है ।माता कालरात्रि को शुभंकरी भी कहते हैं ,क्योंकि ये शुभफल दायिनी हैं ।ऐसा है स्वरुप रात्रि के समान वर्ण वाली भयंकर, ब्रह्माण्ड की तरह गोल नेत्र वाली, हर स्वांस से अग्नि प्रज्ज्वलित करने वाले, चार भुजाओं वाली माता जिनके एक हाथ में खड्ग दुसरे में लोहे का अस्त्र अन्य दो हाथ वर और अभय मुद्रा में अपने वाहन गधे पर सवार हैं।इस प्रकार कलश स्थापना का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
वहीं ग्रामपंचायत- घटहुआँ कला के ग्रामीणों ने निकाला कलश यात्रा।इस कलश यात्रा का नेतृत्व माननीय महंथ- श्री सत्यनारायण चौबे ने किया।गांव में अवस्थित पंचायत सचिवालय के निकट की पवित्र पंडी नदी से पंडित के द्वारा मंत्रोचारित,अभिमंत्रित जल भरे।प्राचीन रीति रिवाज के अनुसार लोग गाजे बाजे के साथ झूमते हुए नजर आए।पुनः जल भर देवी मंदिर पर पहुंच कलश स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।मौके पर-श्यामनारायण साह, जयशंकर साह, संतोष गुप्ता,जित्येन्द्र मालाकार,रिशु गुप्ता सहित सैकड़ों पुरुष व महिलाएं उपस्थित रहे। संवाददाता-विवेक चौबे, updated by gaurav gupta