बिहारीगढ सहारनपुर । *????????खराब मौसम की वजह से परिजन नहीं जला पाये शव। घर में ????????तीन दिन से पड़ी रही लाश। परिवारजनों में छाया मातम। गांव में सरकारी सुविधाओं के अभाव में हुई मौत। गांवों को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग का हाल बेहाल।
शिवालिक वन प्रभात के समीप मोहड रेंज सोढी नगर बीते 3 दिन शुक्रवार की शाम को लगभग 6:00 बजे करीब शिवकुमार पुत्र मांगेराम के पेट में अचानक बड़ी तेजी से पेट में दर्द होने के कारण उसकी मौत हो गई जब तक परिजन उसे इलाज के लिए ले जाते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। यदि गांव में कोई सरकारी हॉस्पिटल होता तो लड़के की जान बचाई जा सकती थी।

लेकिन सरकारी सुविधाओं के अभाव में लड़के ने दम तोड़ दिया*। अब इसका जिम्मेदार कौन होगा जहां सरकार दावे करती है सबका साथ सबका विकास वहीं पर ऐसे हादसे किस ओर इशारा करते हैं यह तो आप समझ ही सकते हैं। दूरदराज के इन क्षेत्रवासियों का कोई दर्द नहीं समझता। *इनको नेता लोग केवल वोट लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं। बाकि बाद में कोई इस ओर रुख भी नहीं करता इस कारण यह लोग नरक तुल्य दु:ख भोगने को मजबूर हैं। मौसम खराब होने के कारण पूरे 3 दिन गुजर चुके हैं लेकिन परिजन मौसम की वजह से अंतिम संस्कार नहीं कर पाए और परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए मौसम के खुलने इंतजार कर रहे हैं मौसम इतना ज्यादा खराब है कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की ठीक से कोई व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।

क्योंकि परिजन गरीब होने के कारण कोई और उपाय करने में सक्षम नहीं है इसलिए गांव वाले और परिजन गहरे संकट से गुजर रहे हैं। श्मशान शेड तो दूर कोई प्रशासनिक सुविधा या एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच सकती है। सडकें नदारद है। ऐसे हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। दूरदराज के इन गांवों में यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाए तो वहां तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती क्योंकि रास्तों की खस्ता हालत ऐसी है जहां वक्त-बेवक्त पहुंचना नामुमकिन है। तीन दिन बाद मोसम थोड़ा खुलने के बाद शव को मुखाग्नि मिल पाई है। ःअनुभवी आंखें न्यूज के लिए गढ़वाल मंडल ब्यूरो चीफ सुनील जायसवाल की रिपोर्ट। कैमरामैन मनोज काम्बोज ।

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