मऊरानीपुर (झाँसी) – मधुपुरी साहित्यिक एवं सामाजिक परिषद मऊरानीपुर की मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन लक्ष्मी नारायण मन्दिर पर हुआ। जिसमें कवियों ने अपनी- अपनी कविताओं से जोरदार शमाँ बाँधा और श्रोताओं को जमकर मनमुग्ध किया। गोष्ठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आशाराम सोनी (पूर्व प्राचार्य) रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीत तिवारी (एडवोकेट) ने की। इसी के चलते कवियों में दयाराम वर्मा बेचैन ने कहा कि कर्ज माफ कर देश खजानों ,खाली करवे की सोचौ। वृन्दावन लाल वर्मा ने कहा कि जो आतंकी कैसो रुठो, ईखो कुचरो कूटो। ज्ञान प्रकाश यादव ने कहा कि दिल्ली से गाँवन तक दौडा, पी. एम. का अभियान। सुरेश चौधरी ने कहा कि वक्त से वक्त की क्या शिकायत करु। जयप्रकाश खरे ने कहा कि भोजन में भक्ति प्रवेश करती है । डॉ. रामदयाल सोनी स्वर्ण ने कहा कि मुक्त मिले मलाई खावे, मूरख जाय कमावे। बैजनाथ पाँचाल ने कहा कि क्यों नींद में तू भारत गलवान हो रहा है। अवध बिहारी सूरौठिया ने कहा कि उत्तर में उत्तर प्रदेश हर प्रश्न का उत्तर देता है। सुल्तान खाँ ने कहा कि एक हजार का रुपये बन्द कर , बूबई नाच नचायें। बलराम सोनी ने कहा कि कौन कहता है कि रावण मर गया। प्रकाश चन्द्र निराला ने कहा कि घर- घर में तुलसी लगवाये है। सुरेश चन्द्र दीक्षित ने कहा कि पिछले पन्नों पे नजर जाती है। मदन कान्त व्यास ने कहा कि गन्दे गधे माल चुन रहे है। बी. पी. अहिरवार ने कहा कि बढती हुई आबादी एक जटिल समस्या है। हदय नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि ये बुडापा जवानी से अधिक बोल्ड होता है। बेधडक प्यारे लाल ने कहा कि साहित्य साहित्यकारों का , पत्रकार पत्रकारों का। पाया दायुत्य वर्तमान जो, आ गई सरकारों का। अजित तिवारी ने कहा कि कविता के निष्पक्ष भावों को समझेगें। इस मौके पर श्रोतागणों में सुरेश साहू, दुर्गे कुशवाहा, आनन्द सिंह, लल्लू राय, भोले बाबा, वृन्दावन ,लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा, जितेन्द्र वर्मा, शंकर कुशवाहा, सन्तोष खटीक, दीपचन्द्र दीपू आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जयप्रकाश खरे एवं हदय नाथ चौवे ने किया। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर । updated by gaurav gupta

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