जानकीनगर(पूर्णियां)- अनुमंडल क्षेत्र के रामपुर तिलक गांव आजादी के समय से ही विकास की रोशनी से कोसों दूर है। लगभग पाँच सौ की आबादी वाले टोला तक जाने के लिए न तो सड़क है और ना ही हाहा नाला धार पर एक अदद पुल। वर्षाकाल में तो ग्रामीणों की शामत ही आ जाती है। स्थानीय अमरेंद्र सिंह, चंदन कुमार वाड सदस्य, लालमोहन कुमार, अमित कुमार सहित कई लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि जब जनप्रतिनिधि व सरकार ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी तो स्थानीय पीड़ित लोगों ने खुद ही बांस-बत्ती के सहयोग से चचरी बना दिया है। आवागमन में राहगीरों, साइकिल व मोटर साइकिल सवारों, खासकर स्कूली बच्चों के लिए उक्त चचरी काफी खतरनाक व पीड़ादायक साबित होती है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल वर्षा ऋतु में वे लोग इस धार पर स्वयं ही चचरी बना लिया करते हैं। बोले हाहा नाला धार से पश्चिम टोले में ही अति. प्रा. स्वा. उपकेंद्र है जिस कारण लोगों की आवाजाही लगातार होते रहती है। अवकाश प्राप्त प्रअ. योगेंद्र सिंह, अप्र. शिक्षक राजेंद्र झा व कई प्रबुद्ध लोगों की मानें तो यदि इस स्थान पर एक आरसीसी पुल बन जाए तो क्षेत्र की आबादी को आवागमन की सुविधा तो मिलेगी ही साथ ही धार से पश्चिम टोलेवासियों का मुख्य सड़क से सीधा संपर्क हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आवागमन की असुविधा के कारण दूसरे जगह के लोग यहां रिश्तेदारी करने से भी कतराते हैं और साल का चार महीना उक्त टोला टापू बन जाता है। लालमोहन आनंद की खास रिपोर्ट, updated by gaurav gupta

loading...