महाराष्ट्र : दिन प्रतिदिन पर्यावरण और भी ज़्यदा प्रदूषित होता नज़र आ रहा है , इसलिए पर्यावण की शुद्धता को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और पॉलीथीन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है | जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने सभी सरकारी कार्यालय और समारोहों के साथ -साथ सरकारी शिक्षण संस्थानों में पानी की प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगा दी है | यह रोक अगले साल मार्च से लागू होगी | सरकार ने बाद में निजी शिक्षण संस्थानों को भी इसके दायरे में लाने की बात कही है | रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को महाराष्ट्र के पर्यवारण मंत्री रामदास कदम ने नगर निकाय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की , और उन्होंने कहा, ‘सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ सरकारी समारोहों में भी प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं होगा | इसके दायरे में “रेस्टोरेंट” को बाद में लाया जाएगा | एक अधिकारी ने बताया कि इस पाबंदी राज्य सरकार के मुख्यालयों में पहले ही लागू कर दिया जाएगा | अधिकारी के मुताबिक इन कार्यालयों में मिनिरल वॉटर की आपूर्ति करने वालों को शीशे की बोतल का इस्तेमाल करने या फिर रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) लगाकर पानी पीने के लिए शीशे के गिलास और वॉटर डिस्पेंसर रखने का विकल्प दिया जाएगा | इस बारे में पर्यवारण मंत्री रामदास कदम का कहना है कि बोतलबंद पानी के कारोबार से जुड़े लोगों को भी वे सभी जरूरी उपाय करने के लिए कहा गया है | जिससे इस फैसले को आसानी से लागू किया जा सके | रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार अगले कुछ हफ्तों में पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनियों और औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी और उनसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने के लिए कहेगी | अनुभवी आँखे न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट

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