मऊरानीपुर (झाँसी)- नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मौनिया पर्व भी बडे उल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें दीपावली पर्व की श्रृंखला में गोबर्धन पूजा के दिन मौनिया नृत्य किया जाता है।
जो बुन्देलखण्ड की एक विलुप्त परम्परा के रुप में देखने को मिलने लगी है। जो पूर्व समय में एक रोचक तरीके के साथ मनायी जाती थी। आज वही परम्परा विलुप्त होते हुये जब कभी सामने देखने को मिलने लगती है। जो दीपावली के अवसर पर गोबर्धन पूजा के रुप में ये मौनिया लोगों के सामने अपनी पूर्व की परम्परा दिखाते है जिससे आज की नव पीढी को इनकी जानकारी लगती है कारण कि नव पीढी में तो लोग इन मौनियों को ही नही जान रहे है। कारण कि मौनिया बुन्देलखण्ड का तो एक प्रसिद्व परम्परा है लेकिन नवपीढी में यह विलुप्त हो गयी है। ये मौनिया लोग अपनी भेष भूषा में देखने को मिलने लगी है। इसी के चलते नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मौनिया नृत्य करते हुये देखे गये। जिससे लोगों के द्वारा इनका मौनिया नृत्य देखने की कतारें की कतारें देखी गयी। रिपोर्ट_सौरभ भार्गव अनुभवी आँखें न्यूज मऊरानीपुर ।updated by gaurav gupta