बिहार के पूर्णिया जिला के जलालगड प्रखंड के रामदेली पंचायत के महादलित टोला जहांगीर पुर मे आँगनबाड़ी केन्द्र में ना तो भवन हैं और ना ही बच्चों के लिए कोई जगह।आंगनवाड़ी सेविका अंजली कुमारी का कहना

है कि वह स्वयं के खर्च पर किस तरह बाँस के घर बनाकर बच्चे को पढाते हैं यह तो ना सरकार को पता हैं ना किसी पदाधिकारी को। आपको बता दें अगर बारिश आ जाती हैं तो बच्चे भीग भीग कर पढते हैं कब किस बच्चे के साथ अनहोनी हो जाए यह भी किसी को पता नहीं। इस केन्द्र मे सेविका को यह भी पता

नहीं वर्न माला में कितने अक्षर होते हैं ना तो किसी चीज की जानकारी हैं। बच्चों को सुबह खाने के लिए चूरा गुड दिया जाता है लेकिन आरोप है कि बच्चे को वह भी नहीं खिलाते हैं। हर गर्भवती महिला और घातरिक महिला को T H R बितरन के दिन किसी महिला को सही तरीके से चावल,सुहाविन,दाल नहीं देती हैं ग्रामिणो में इस बात को लेकर काफी आक्रोश हैं। रिपोर्टर मनोज कुमार।

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