समस्तीपुर – 26 दिसंबर 2018
समस्तीपुर में लगातार स्कूली, काँलेज एवं ग्रामीण क्षेत्रों की नाबालिग लड़कियों के साथ बढ़ते घटना के खिलाफ बेटी ही कमर कसकर मैदान में उतर रही हैं। बेटियों की हिफाजत के लिए संघर्ष चलाकर लोगों के लिए मिशाल बन रही हैं। इन लड़कियों को कई बार सामाजिक ताना-बाना को देखते हुए परिजन रोकने की कोशिश भी किए लेकिन अपने दृढ़ संकल्प के कारण ये घर से बगाबत कर लड़ाईयां जारी रखीं और ये गालिब साहब की शायरी” चले थे अकेले जानिबे गालिब, लोग आते गए और कारबां बनता गया” को चरितार्थ कर दिया। अब ये एक नहीं बल्कि दर्जनों इसके कारवाँ के सदस्य हो गए हैं। ये और मजबूती से काम को आगे बढ़ाने के लिए क्रांतिकारी छात्र संगठन आइसा को चुना। आइसा के बैनर तले ये लड़कियां स्कूटी से कंपैन चलाती हैं और चंल मिनटों में मौका-ए-वारदात पर पहुँचती भी हैं। अन्य छात्र-छात्राऐभी इनके साथ हुआ करते हैं। शहर के शास्त्री गली, काशीपुर निवासी पिता उपेंद्र राय, माता-प्रमिला राय की पुत्री प्रिति कुमारी जो महिला काँलेज की छात्रा और आइसा जिला कमिटी की सदस्य हैं, और दूसरी जितवारपुर निजामत निवासी अशोक राय की पुत्री मनीषा कुमारी जो समस्तीपुर काँलज की छात्रा हैं और आइसा जिला कमिटी की सदस्य हैं। इनके संघर्ष को देखते हुए हाल ही में संपन्न छात्रसंघ चुनाव में इन्हें छात्रों ने इनके संघर्ष को देखते हुए आपार मतों से काँलेज काँसीलर चुना। आज जब हारे-जीते तमाम छात्रनेता अपने घरों में निजी स्वार्थ सिद्धि में लगे हैं वहीं ये बेटियों को न्याय, बेटी बचाने की संघर्ष में सडक पर उतर पड़ी हैं। पूछने पर इनहोंने कहा कि ये लड़कियों कै प्रेरित करने की कोशिश में लगे हैं। जब लड़कियां बड़ी संख्या में हर जगह मौजूद होगी तो स्वभाविक है कि उनपर अत्याचार घटेगा। रिपोर्ट – गोपाल प्रसाद, updated by gaurav gupta
बहन-बेटियों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आगे आ रही बेटियां,पा रही मुकाम बस हौसला आफजाई की जरूरत
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