मधेपुरा (संवावदाता चंचल कुमार) – जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गौशाला चौक के पास बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो पिकअप वैन पर लदी 24 गायों को मुक्त करवाया।
बताया गया कि गुरुवार को महिंद्रा के छोटे दो छोटे पिकअप भान, एक पर 14 गाय और एक पर 10 गाय बेदर्दी के साथ लाद तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे।गौशाला चौक पर जब दोनों वाहन को बजरंग दल वाले ने पकड़ा गया तो पशु तस्कर भागने में कामयाब रहे, लेकिन दोनों गाड़ी के ड्राइवर को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पकड़कर मुरलीगंज थाना के हवाले किया। दोनों वाहन जिसका नंबर डब्लू बी 76ए 4322 एवं डब्ल्यू बी 75 सी 2858 को प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन ने मुरलीगंज थाने मंगवाया। वरीय पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर कुल 24 गायों को मुरलीगंज गोपाल गौशाला के जिम्मे सौंपा है।
ड्राइवर से पूछताछ करने पर एक ने अपना नाम अजीमुल पिता स्वर्गीय शौकत घर कलीका थाना कलियाचक जिला मालदा (पश्चिम बंगाल) बताया तथा दूसरे गाड़ी के वाहन चालक का नाम नीरज पाल पिता बुद्धू प्रकाश घर गाजियाबाद थाना विजयनगर जिला गाजियाबाद यूपी का बताया।कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वहीं मवेशियों को सिंहेश्वर के मवेशी बाजार से खरीदकर लोड किया है ,पर प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन द्वारा मवेशियों से संबंधित आवश्यक कागजात मांगने पर कोई भी खरीद बिक्री से संबंधित का कागजात नहीं दिखलाया। पशुओं को ले जाने का परमिट भी नहीं प्रस्तुत किया गया।
बजरंग दल के जिला संयोजक अमित कुमार द्वारा मुरलीगंज थाना अध्यक्ष के नाम आवेदन देकर पशु क्रूरता अधिनियम की के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई गई तथा आवश्यक कागजात नहीं दिखाए जाने के कारण मुरलीगंज थाना कांड संख्या 314 /18 भादवि 411(A )(D)( E) (F) के तहत दोनों ही वाहन चालकों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में मधेपुरा भेज दिया गया।मौके पर जिला पशु क्रूरता विभाग पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने मुरलीगंज थाना पहुंच कर मामले की जानकारी ली।
श्री गोपाल गौशाला के सचिव इंदर चंद बोथरा ने ने कहा कि बिना कागजातों के इस तरह क्रूरता के साथ पशुधन को ले जाना निश्चित ही पशु तस्करी का मामला बनता है और इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ।

विश्व हिंदू परिषद के सदस्य राजा राम चौधरी एवं बजरंग दल के प्रवक्ता ने कहा कि एनएच 107 से होकर पशु तस्करी का अवैध कारोबार अनवरत चल रहा है जिसमें प्रशासन की उदासीनता स्पष्ट रुप से परिलक्षित हो रही है. अगर प्रशासन इस तरह पशुओं को ले जा रहे वाहनों के चेकिंग के दिशा में सकारात्मक कार्य करती तो शायद यह दुस्साहस इन तस्करों का नहीं होता। updated by gaurav gupta

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