बिहार :- के पूर्णिया जिला में स्थित गुप्त काली मंदिर पुराने जमाने से काफी विख्यात मंदिर है , यंहा दूर दूर से भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए माँ काली के दर्शन के लिए यंहा आते है ! यंहा श्रद्धालु का भीड़ देखते नहीं बनती ,वर्ष के चारों नवरात्रि को पूरी श्रद्धा से पूजा पाठ किया जाता है। उसी को देखते हुए इस नवरात्रि में भी गुप्त काली मंदिर के संयोजक एवं कमेटी पूरी तैयारी के साथ पूजा पाठ में जुट चुके हैं। प्रत्येक दिन पूजा – हवन व आरती कर प्रसाद वितरण किया जाता है । वंही व्रत करने वाली महिलाओं के लिए शरबत की व्यवस्था एवं फल की व्यवस्था की जाती है। वही गुप्त काली मंदिर के सेवक शंकर पंडित हर शनिवार मंगलवार धाम लगाकर लोगों की मैया से गुहार लगाते है। और उनकी मनोकामना पूर्ण करने की अर्चना करते हैं। वही यह मंदिर दार्शनिक रूप से भी बहुत ही शोभनीय है। यह 151 शक्तिपीठ में से एक है। जो कि गुप्त काली मंदिर के नाम से विख्यात है। यहां भक्त नेपाल बंगाल उड़ीसा एवं दिल्ली से भी पूजा अर्चना करने आते हैं । देखा जाए तो यहां पर मैया के सभी रूप की प्रतिमा स्थापित है एवं वैष्णो देवी की गुफा के जैसा एक गुफा भी बनाया गया है। जिसमें श्रद्धालु बैठ कर उस गुफा के अंदर प्रवेश करते हैं । एवं पूजा पाठ कर वापस आ जाते हैं। लेकिन कमेटी अध्यक्ष राधा रमन की माने तो कमेटी के तरफ से सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से यहां पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं दी गई है चारभुजा को प्रसाद वितरण में भगदड़ मचने पर कसबा थाना प्रभारी को सूचना दिया गया उनके बाद दो गार्ड सिर्फ प्रसाद वितरण के समय ही आते हैं और वापस चले जाते हैं। अनुभवी आँखें न्यूज़ के लिए गौरव गुप्ता की रिपोर्ट