नई दिल्ली: एक नेत्रहीन व्यक्ति ने एक नेत्रहीन महिला को न सिर्फ शादी का झांसा दिया बल्कि उससे बलात्कार भी किया. पीड़ित महिला ने अदालत में आरोपी की आवाज से उसकी शिनाख्त की. कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाने के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है.
गुरुग्राम (गुड़गांव) की एक अदालत ने एक दृष्टिहीन बैंक कर्मी को 30 वर्षीय दृष्टिहीन विधवा महिला को शादी का झांसा देकर उससे बलात्कार करने का दोषी ठहराया है. महिला ने दोषी की आवाज से अदालत में उसकी पहचान की थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने महिला तथा आरोपी दोनों की कॉल डिटेल, चिकित्सीय सबूतों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार निवासी 33 वर्षीय सौरभ कपूर को दोषी ठहराया. अदालत 24 जुलाई को अगली सुनवाई पर सजा सुनाएगी.
सरकारी अभियोजक अरविंद शर्मा ने कहा, ‘‘पीड़िता और आरोपी दोनों ही दृष्टिहीन थे तो अभियोजक को मामले को साबित करने में काफी मुश्किलें आईं.’’ दिल्ली निवासी महिला ने अदालत में अपनी याचिका में कहा था कि वह 2014 में अपने पति की संदिग्ध मौत के मामले को लड़ने के लिए एक वकील ढूंढ रही थी. एक दोस्त ने उसे अच्छा वकील ढूंढने में मदद करने के लिए सौरभ से मिलवाया.
आठ वर्षीय बच्ची की मां ने अदालत में कहा, ‘‘30 मई 2015 को सौरभ एक वकील से मिलवाने के बहाने मुझे गुड़गांव ले गया लेकिन बाद में एक गेस्ट हाउस ले गया. फिर उसने मेरे साथ बलात्कार किया. जब मैं रोने लगी और विरोध किया तो उसने वादा किया कि वह मुझसे शादी करेगा. उसने पांच महीने से भी ज्यादा समय तक मेरा यौन शोषण किया और कई बार रुपये भी लिए. जब मैंने पूछा कि वह कब शादी करेगा तो उसने कहा कि वह इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहता.’’
गुड़गांव पुलिस ने सौरभ को 2015 में गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में उसे अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था.