गया – गया मे दहेज प्रथा पर निर्मित फ़िल्म कस्तूरी का आज गया के एपीआर में माननीय मंत्री शिक्षा, विधि एवं कल्याण विभाग,बिहार श्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा के कर कमलों फीता काटकर शुभारंभ किया गया, इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह,वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा ने उद्घाटन में उन्हें सहयोग किया।
फ़िल्म की कहानी है कि नायिका कस्तूरी यूपीएससी की तैयारी करनेवाली स्टूडेंट रहती है वो परीक्षा देकर आती है पूर्व से शादी की बात चल रही होती है लड़के वाले शादी का रिश्ता लेकर उसके घर आते हैं लड़की लड़केवालों के समक्ष जाने को तैयार नहीं होती है लेकिन लड़की का भाई जबरदस्ती लड़का वालों के सामने उसे चाय लेकर भेज देता है शादी के समय वर लड़का सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर रहता है। दहेज के लिए लड़की के पिता से बात होती है दहेज की रकम ८ लाख से होते होते ६ लाख रुपये में तय होती है। लेकिन शादी के समय लड़के का बाप बताता है कि आज उसके बेटा का इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन हो गया है इसलिए दहेज की रकम ८ लाख रुपये और एक चार चक्का गाड़ी देनी होगी, लड़की का बाप रोने लगता है लेकिन लड़के वाले उसकी एक नहीं सुनते हैं लड़की का पिता अपना सारा प्रॉपर्टी बेचकर कुछ पैसे जमा करके लड़के के पिता को ७ लाख रुपये दे देता है लेकिन दहेज की रकम एक लाख कम रह जाने और गाड़ी नहीं मिलने के कारण लड़का अपने घर मे लड़की की पिटाई करता रहता है, उसे घर में बंद कर देता हैलड़की के पिता तालाब में कूदकर आत्महत्या कर लेता है उधर ससुराल में लड़का कस्तूरी की हत्या कर देता हैऔर अंत मे पोस्टमैन आकर बताता है कि कस्तूरी का आईएएस में चयन हो गया है फ़िल्म का उद्देश्य लड़की की काबिलियत पर भरोसा न करना,उसकी शादी ही अंतिम लक्ष्य समझना जैसी पारंपरिक घटिया सोंच को दिखलाना है
फ़िल्म के प्रोड्यूसर एवं लेखक मेहंदी हसन ने बताया कि निदेशक शिवम् शंकर,अभिनेत्री काजल सिंह,अभिनेता सफक़ बिन शमीम,कलाकारों में शकीला बेगम,असफाक अहमद एवं अन्य कलाकार की सहायता से फिल्म का निर्माण हुआ और इस अवसर पर जदयू के युवा प्रदेश महासचिव चंदन कुमार यादव,बॉलीवुड के फिल्म मेकर एवं निदेशक इंटरनेशनल अवॉर्ड से सम्मानित मोहित अरोरा उपस्थित थे।धीरज गुप्ता की रिपोर्ट, updated by gaurav gupta
दहेज प्रथा पर निर्मित फ़िल्म कस्तूरी का हुआ स्क्रीनिंग
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