कुशीनगर :- ये रोने की आवाज उस माँ की है जिसने अपने लाल को सुबह तैयार कर स्कूल जाने के लिए भेजा था उस माँ को उम्मीद भी नहीं थी की जिसे वो स्कूल भेज रही है वो अब वापस नहीं आएगा , जिसको वो नेहला कर संवार कर पढ़ने के लिए भेज रही है वो अब उससे बहुत दूर चला जायेगा , जी हाँ ये मातम की तस्वीरें कुशीनगर की है जंहा 13 मासूम बच्चों को मौत ने अपने आगोश में ले लिया , तेरह मासूम बच्चो के मौत का जिम्मेदार इयरफोन बना जिसने उस माँ की गोद उजाड़ दी उस माँ से उसके लाल को चीन लिया दरअसल घटना कुशीनगर की है जंहा एक स्कूल वैन बच्चों को लेकर स्कूल जा रहा था लेकिन जैसे ही वो रेलवे क्रॉसिंग को पार करने की कोशिश की रेलवे लाइन पर दौड़ती आरही ट्रैन की चपेट में आगया , टक्कर इतनी जोरदार थी की बच्चों और ड्राइवर को संभलने का मौका ही नहीं मिला और बस के परखच्चे उड़ गए जंहा पर तेरह बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई और आधा दर्ज़न बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद पुरे इलाके में कोहराम मच गया ! सूत्रों की माने तो बस चालक ने अपने कानो में एअर फोन लगा रखा था और अपनी ही धुन में चला जा रहा था उसे इतना भी ध्यान नहीं था की उसके साथ कई बच्चो की जिन्दगियो की जिम्मेदारी है , जैसे ही वो क्रॉसिंग के पास पंहुचा तो रेलवे के कर्मचारियों ने इत्तेहलाह करने की कोशिश भी की पर एअर फोन की आवाज ने जिंदगी की उस आवाज को दबा कर रख दिया ! आपको बता दे की इस फाटक पर किसी भी तरह का कोई बेरियर या सिग्नल नहीं है ! इस घटना के बाद तुरंत cm योगी ने जायज़ा लिया और मृतक और घ्याल परिवारों को मुवाजे देने की बात कही और और तुरंत जाँच के आदेश दिए , पर क्या इन सब चीज़ो से उस माँ के बच्चे वापस आ सकते है जो अब इस दुनिया में नहीं रहे इस घटना का असल जिम्मेदार कोण है वो ड्राइवर या भारतीय रेलवे की व्यवस्था जो की मानव रहित क्रॉसिंग पर बेरियर न होने से न ही किसी सिग्नल होने से इस तरह के घटाएँ होती रहती है ! अनुभवी आँखें न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट 

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