बिहार(संवाददाता धीरज गुप्ता) – पटना के मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ एवं सुखाड़ के संबंध में समीक्षात्मक बैठक हुयी। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि ने वर्षापात की स्थिति के संबंध में जानकारी दी है और उन्होंने आज तक की वर्षा स्थिति 604.9 मी0मी0 के बारे में बतायी, जो सामान्य वर्षापात 681.8 मी0मी0 से कम है 18 अगस्त से 5 सितम्बर तक वर्षापात के भी अनुमान के संबंध में जानकारी दी है अगस्त में सामान्य वर्षापात की संभावना जतायी गयी है और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 14 अगस्त को अर्थ नेटवर्क कम्पनी के साथ चार वर्षों के लिये वज्रपात आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली के संबंध में एम0ओ0यू0 साइन किया गया। सात जगहों- सासाराम, नवादा, पटना, खगड़िया, पूर्णिया,मोतिहारी एवं दरभंगा में इसके सेंसर 15 अक्टूबर तक लगाये जायेंगे और एक सेंसर दो सौ किलोमीटर के रेंज तक कवर करेगा एवं प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि 3 एवं 4 अगस्त को सभी जिलों में प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिवों की जो बैठक हुयी थी उसके रिपोर्ट एवं सुझाव प्राप्त हुये हैं और बाढ़ पीड़ित 17,51,284 परिवारों को जी0आर0 की 1050 करोड़ रूपये की
राशि भुगतान कर दी गयी है और शेष बचे हुये परिवारों को 25 अगस्त तक जी0आर0 की राशि भुगतान कर दी जायेगी।इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मौसम विज्ञान केन्द्र के प्रतिनिधि ने जिस तरह से जानकारी दी है,उससे दक्षिण बिहार में सूखे की संभावना बन रही हैं और सभी जिलाधिकारी अपने-अपने प्रखण्डों एवं पंचायतवार सूखे की स्थिति का आंकलन जल्द से जल्द करा लें एवं मौसम विज्ञान केन्द्र के आंकलन के अनुसार आगे अच्छी वर्षा होती है तो यह अच्छी स्थिति होगी और मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजल सब्सिडी के तहत अब एक लीटर डीजल पर सरकार 60 रूपये का अनुदान दे रही है एवं सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित
करें कि जल्द से जल्द किसानों को डीजल अनुदान का लाभ मिल सके और उन्होंने कहा कि वैकल्पिक फसल लगाने की भी व्यवस्था की जाय और मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में किया जायेगा और 2 अक्टूबर तक प्रत्येक पंचायत में इससे संबंधित कोई न कोई काम शुरू किया जायेगा एवं उन्होंने कहा कि राज्य में वर्षापात में कमी हो रही है भूजल स्तर नीचे जा रहा है पर्यावरण संरक्षण का बचाव जरूरी है इसके लिये पेड़ लगाना है और साथ ही अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है तालाब,कुओं का जीर्णोद्धार कराना है किसी भी निर्माण कार्य में वृक्ष को काटा नहीं जायेगा बल्कि उसे उखाड़कर दूसरी जगह लगाया जायेगा एवं लोगों को वृक्ष लगाने और जल के दुरूपयोग से रोकने के संबंध में जागरूक करना होगा एवं उन्होंने कहा कि कल ही लघु जल संसाधन विभाग ने सभी जिलों एवं प्रखण्डों में जन जागृति के लिये नौ वाहनों को रवाना किया है और उन्होंने कहा कि राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 17 प्रतिषत करने के लक्ष्य के लिये हमलोग काम कर रहे हैं एवं उन्होंने कहा कि क्राॅप साइकिल के बारे में कृषि विभाग को जल्द से जल्द योजना बनानी चाहिये और इससे जल संरक्षण भी होगा और अन्य फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा और यह जल-जीवन-हरियाली का ही एक भाग है क्राॅप साइकिल के संबंध में लोगों को प्रेरित करने की भी आवश्यकता है और इस बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी,डा प्रेम कुमार सहित अन्य मंत्रीगण, मुख्यमंत्री केपरामर्शी अंजनी कुमार सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्षब्यासजी,मुख्य सचिव दीपक कुमार,पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय, संबंधितविभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव,मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमारवर्मा,मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार,अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चन्द्रशेखर
सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह,बिहार राज्य आपदा प्रबंधनप्राधिकरण के सदस्यगण सहित संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे इस बैठक में वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी प्रमण्डलीय आयुक्त, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भी जुड़े हुये थे और सभी जिलाधिकारियों ने जिलों में बाढ़ एवं सुखाड़ से संबंधितअद्यतन स्थिति एवं की जा रही कार्रवाइयों के संबंध में जानकारी दी। updated by gaurav gupta
काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ एवं सुखाड़ की समीक्षा की मुख्यमंत्री ने।
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