जहानाबाद/बिहार(संवाददाता अनिल कुमार गुप्ता) – मोदी राज में आजादी और लोकतांत्रिक मूल्य तार-तार किए जा रहे हैं।

भाकपा माले कार्यालय से *आजादी के 75 वर्ष: एक जन अभियान* के तहत *संविधान बचाओ-देश बचाओ* ,

*शहीदों के सपनों का भारत बनाओ* नारे के साथ आज़ादी मार्च निकाला गया जो शहर के अरवल मोड़ पर जाकर सभा में तब्दील हो गया। आजादी मार्च का नेतृत्व माले जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा, कामरेड वसी अहमद, शिक्षक कर्मचारी नेता उदय कुमार, इंनौस के राष्ट्रीय पार्षद कामरेड मुकेश पासवान, कामरेड गणेश दास, संतोष केसरी, कामरेड शिवनाथ दास, कामरेड विजय दास, कामरेड क्यूम बक्खो, मुन्ना बक्खो, राजेश चौधरी आदि नेतागण कर रहे थे।

हुलासगंज में आज़ादी मार्च का नेतृत्व कामरेड प्रभात कुमार, कामरेड दिलीप बिंद,उद्रेश पासवान,खेत मजदूर सभा के प्रखंड सचिव कामरेड अवधेश पंडित, इनौस नेता कामरेड रामप्रवेश बिंद, कामरेड अनिरुद्ध शर्मा आदि कर रहे थे।

मोदनगंज में प्रखंड सचिव कामरेड वितन मांझी, कामरेड प्रदीप कुमार,इनौस नेता कामरेड योगेंद्र यादव, जगदीश पासवान आदि नेताओं ने आजादी मार्च निकाला। जिला मे कई जगहों पर मार्च निकाला गया।

अरवल मोड़ पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि आज 75 वर्ष के बाद देश एक बार फिर भारी संकट के दौर से गुजर रहा है। आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने एक लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य और देशवासियों के बेहतर भविष्य के लिए सब कुछ कुर्बान किया था। आज आजादी, संविधान,लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मोदी सरकार खिलवाड़ कर रही है। देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति से घृणा और वैमनस्य काफी बढ़ गया है। नफरत और विभाजनकारी भाजपाई राजनीति के कारण देश के सामने भयानक संकट उत्पन्न हो गया है। एक बार फिर नए सिरे से संघर्ष की जरूरत है। किसान-मजदूर, छात्र,नौजवान,आदिवासी त्राहिमाम में हैं। जीवन- जीविका खतरे में है। मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले, लिखने और बोलने वालों पर अंग्रेजों से भी ज्यादा भयानक दमन चलाया जा रहा है। आजादी की लड़ाई के शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का मोदी सरकार अपमान कर रहे है। देश की जनता इस तरह के हरकतों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।

updated by gaurav gupta 

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