बनमनखी (पूर्णियां) – छठ पूजा वास्तविक रूप में प्रकृति की पूजा है। इस अवसर पर सूर्य भगवान की पूजा होती है, जिन्हें एक मात्र ऐसा भगवान माना जाता है जो दिखते हैं।
अस्तलगामी भगवान सूर्य की पूजा कर यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि जिस सूर्य ने दिनभर हमारी जिंदगी को रौशन किया उसके निस्तेज होने पर भी हम उनका नमन करते हैं।
छठ पूजा के मौके पर नदियां, तालाब, जलाशयों के किनारे पूजा की जाती है जो सफाई की प्रेरणा देती है। यह पर्व नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रेरणा देता है। इस पर्व में केला, सेब, गन्ना सहित कई फलों की प्रसाद के रूप में पूजा होती है जिनसे वनस्पति की महत्ता रेखांकित होती है।
बनमनखी कॉलेजियेट, धोकर धारा घाट पे भारी संख्या में व्रत्ति के साथ हजारों संख्या में लोगो ने स्तलगामी सूर्य को अर्क दिया।
घाट में नगरपंचायत के द्वारा बहुत बेहतरीन व्यवस्था की गई थी।
पेंशनर समाज के लोग सदस्य भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिये, प्रशासन चौकस |रिपोर्ट – गौरव गुप्ता