गया(संवाददाता धीरज गुप्ता) – बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गया जिला के अभियंताओं को भूकंप रोधी भवनों के विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 7 मई से 10 मई तक किया गया।आज जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने कार्यक्रम में अभियंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत जितने भी नवनिर्मित भवन हो चाहे वह सरकारी अस्पताल हो,सरकारी स्कूल हो,सरकारी कार्यालय हो सभी में इस प्रशिक्षण में दिए गए निर्देश का पालन करना सुनिश्चित करेंगे और साथ ही जिनके द्वारा निर्मित भवन भूकम्प रोधी रहेगा उनके भवन को मॉडल भवन बनाया जाएगा और उस अभियंता को सम्मानित भी किया जाएगा।भूकंप रोधी भवन निर्माण पर राज मिस्त्रीयो के प्रशिक्षण के चौथे दिन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तकनीकी सलाहकार डा सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि अभियंता आधुनिक विश्वकर्मा हैं जो भूकंप रोधी भवन निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैंउन्होने घर को मजबूत करने के तरीके को बताते हुए कहा कि रैपिड भिजुअल स्क्रीनिंग के माध्यम से मकान में भूकंपरोध के स्तर का पता कर सकते हैं एवं तदालोक में मकान के भूकंपीय सुदृढ़ीकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं और उन्होने बताया कि अगर मंजिलों की संख्या 4 से ज्यादा हो तो अतिशीघ्र ऊपरी मंजिल को हटा ले और छत की सीढ़ियां,उनके बीच की दूरी एवं दीवार तथा बीम के साथ सम्बन्धन पर विशेष ध्यान दें की भूकम्परोधी भवन के लिए छत को हल्का एवं अन्डर रिइनफोर्स्ड रखना फायदेमंद होता है अगर दीवार की ईट की संपीडण क्षमता 50 किलोग्राम प्रति वर्ग सेंटीमीटर से कम हो, दीवार की मोटाई 230 मिलीमीटर से कम हो एवं मसाला का अनुपात 1:6 से ज्यादा हो तो दीवार में आवश्यक आकार का खाड़ा R.C.C पिलर समाहित करें अथवा दीवार पर फिरो सीमेंट प्लास्टर चढ़ाएं या पाॅली प्रोपिलीन फाइबर प्रबलित प्लास्टर चढ़ाएं,अगर किसी कमरा के दीवार की लंबाई 8 मीटर से ज्यादा है तो दीवार में 4 से 5 पर भीतीय स्तंभ बनाकर आरसीसी नींव के सहारे सामने के भीत्तीय स्तंभ से बांध दें और दरवाजे खिड़कियों के चौराई का योग तथा दीवार की लंबाई का योग समानुपात एवं एक मंजिलें मकान में 50% से ज्यादा,दो मंजिले मकान में 42% से ज्यादा एवं तीन मंजिले मकान में 33% से ज्यादा हो तो एकाध खिड़कियों में दीवार जोड़कर खिड़कियों की चौड़ाई कम कर ले।दरवाजे एवं खिड़कियों के बीच दीवार की लंबाई 2 ईंट की लंबाई से कम हो एवं दीवार के कोनों से दरवाजे या खिड़कियों की दूरी एक ईंट की लंबाई से कम हो तो दीवार के इन हिस्सों पर फॆरो सीमेंट प्लास्टर कराकर आवश्यकता अनुसार दीवार की मोटाई बढ़ा ले और अगर पहले से ढालकर तैयार किए गए आरसीसी तख्ता से जोड़कर छत बनाया गया है तो छत की परिधि पर दीवार के ऊपर आरसीसी बीम तथा तख्ता के ऊपर पतला आरसीसी स्लैब बनाएं और अगर लकड़ी के धरण के ऊपर ईंट रखकर सपाट छत बना है तो छत में नीचे से तिरछा बंधनी तथा टाई लगाकर दीवार से संबंध करें,अगर छत जैक आर्च से बना है तो वेल्डिंग करके टाई तथा तिरछा बंधनी लगाएं,अगर ढलान वाला छत ट्रस से बना है तो टाई स्तर पर तथा राफटर स्तर तिरछा बंधनी लगावे एवं अगर ढलान वाला छत करी के ऊपर खपरैल बना है तो करियों के नीचे तिरछा बंधनी लगाएं तथा प्रत्येक चौथे कड़ी को क्रॉस टाई से बांधे एवं अगर कुर्सी, सील, लिंटेल,छत,गैवल तथा ओलती स्तर पर भूकंपरोधी बैंड नहीं है तो भूकंप रोधी बैंड लगावे एवं अगर दीवार के कोनों एवं खिड़कियों के पाख पर छड़ नही है तो खड़ा छड़ डाले और जिलाअधिकारी,आपदा प्रभारी एवं वरीय समाहर्ता ने भी अपने उद्दगार व्यक्त किये और अंत में सभी अभियंताओ को प्रमाण पत्र दिया गया एवं डायरेक्टर चौधरी के द्वारा स्वरचित कविता “सबको भूकंप रोधी ज्ञान देना चाहिए” के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई और इस मौके पर समाहरणालय कर्मी मास्टर ट्रेनर्स एवं अन्य उपस्थित थे।updated by gaurav gupta

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